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Lok Sabha Elections 2024: पंजाब में भाजपा, शिरोमणि अकाली दल को पछाड़ हैट्रिक की तलाश में कांग्रेस

अमृतसर लंबे अरसे तक कांग्रेस का गढ़ रहा है और साल 1952 से लेकर 2019 तक के 20 आम चुनावों और उपचुनावों में देश की सबसे पुरानी पार्टी ने 13 बार जीत दर्ज की है।

Last Updated- May 30, 2024 | 11:42 PM IST
Lok Sabha Elections 2024: Congress in search of hat-trick by defeating BJP, Shiromani Akali Dal in Punjab Lok Sabha Elections 2024: पंजाब में भाजपा, शिरोमणि अकाली दल को पछाड़ हैट्रिक की तलाश में कांग्रेस

स्वर्ण मंदिर और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति अमृतसर में ही होने के कारण इस सिख पंथी सीट को राजनीति का गढ़ माना जाता है। यहां से छह बार कांग्रेस के हिंदू प्रत्याशी रघुनंदन लाल भाटिया संसद भवन पहुंचे हैं और यह इस निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित होने वाले किसी भी सांसद की सबसे लंबी अवधि है।

अमृतसर लंबे अरसे तक कांग्रेस का गढ़ रहा है और साल 1952 से लेकर 2019 तक के 20 आम चुनावों और उपचुनावों में देश की सबसे पुरानी पार्टी ने 13 बार जीत दर्ज की है। मगर राजनीतिक परिदृश्य साल 2004 के बाद से बदल गया। क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू की बदौलत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां महत्त्वपूर्ण बढ़त बना ली।

सिद्धू को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) का समर्थन था। सिद्धू पहली बार साल 2007 के उपचुनाव में यहां से जीते थे फिर उन्होंने 2009 में जीत हासिल की। फिर उन्होंने साल 2014 में भाजपा के अरुण जेटली के लिए यह सीट छोड़ दी थी। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर साल 2012 में अमृतसर पूर्व विधान सभा सीट से भाजपा विधायक बनीं। बाद में साल 2017 में सिद्धू कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनावी मैदान में उतरे।

साल 2014 के लोक सभा चुनावों में जेटली को कांग्रेस के अमरिंदर सिंह ने हराया था। कांग्रेस प्रत्याशी गुरजीत सिंह औजला ने 1 लाख वोटों के अंतर से भाजपा के हरदीप सिंह पुरी की शिकस्त दी थी। बाद में नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में जेटली देश के वित्त मंत्री बने और सरकार के अगले कार्यकाल में पुरी साल 2019 से महत्त्वपूर्ण विभागों को संभाल रहे हैं। निर्वाचन क्षेत्र में सिख मतदाताओं के हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा है।

साल 2024 में भाजपा और शिअद गठबंधन में नहीं है। दिलचस्प बात है कि पंजाब की पंथी पार्टी माने जाने वाली शिरोमणि अकाली दल ने इस बार भाजपा के सिख चेहरे से मुकाबले के लिए हिंदू उम्मीदवार अनिल जोशी को मैदान में उतारा है। भाजपा ने अमेरिका के पूर्व राजनयिक तरणजीत सिंह संधू को टिकट दिया, जिनके परिवार की अमृतसर में गहरी जड़े हैं।

कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में गुरजीत औजला हैट्रिक लगाना चाह रहे हैं क्योंकि वह साल 2017 के उप चुनावों में यहां से जीत दर्ज की है। यह तब जरूरी हो गया है जब पंजाब के मुख्यमंत्री बनने और साल 2019 के चुनावों के बाद से अमरिंदर सिंह ने यह सीट छोड़ी दी है।

औजला पिछले साल 13 दिसंबर को बम के साथ होने वाले संदिग्ध से कनस्तर छीनने के कारण सुर्खियों में थे, जो संसद भवन की ओर भाग रहा था। यह घटना विधान सभा क्षेत्र के लोगों के बीच भी चर्चा का विषय रही।

इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब कैबिनेट के मंत्री रहे कुलदीप धालीवाल को मैदान में उतारा है। आप ने साल 2022 के विधान सभा चुनावों में इन नौ में से सात सीटों पर जीत दर्ज की थी।

First Published - May 30, 2024 | 11:21 PM IST

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