facebookmetapixel
₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्सभारतीय IT कंपनियों को लग सकता है बड़ा झटका! आउटसोर्सिंग रोकने पर विचार कर रहे ट्रंप, लॉरा लूमर का दावाये Bank Stock कराएगा अच्छा मुनाफा! क्रेडिट ग्रोथ पर मैनेजमेंट को भरोसा; ब्रोकरेज की सलाह- ₹270 के टारगेट के लिए खरीदेंपीएम मोदी इस साल UNGA भाषण से होंगे अनुपस्थित, विदेश मंत्री जयशंकर संभालेंगे भारत की जिम्मेदारीस्विगी-जॉमैटो पर 18% GST का नया बोझ, ग्राहकों को बढ़ सकता है डिलिवरी चार्जपॉलिसीधारक कर सकते हैं फ्री लुक पीरियड का इस्तेमाल, लेकिन सतर्क रहेंGST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तार

In Parliament: राहुल गांधी का आरोप, मोदी सरकार में Corporates के फाइनेंसर बन गए हैं PSBs

नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि PSBs लाभ कमाने के लिए नही, जनता की सेवा के लिए हैं। वहीं मोदी सरकार का आरोप रहा है कि UPA काल में PSBs का NPA आसमान छू गया था।

Last Updated- December 11, 2024 | 1:15 PM IST
Rahul Gandhi said - Governments failed on unemployment, called 'Make in India' also a failure

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi)ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ताकतवर कारोबारी समूहों के लिए ‘निजी फाइनेंसर’ के रूप में तब्दील कर दिया है। उन्होंने बैंकिग क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद यह आरोप लगाया।

कांग्रेस से सांसद राहुल गांधी ने मुलाकात का वीडियो साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्रत्येक भारतीय तक ऋण की सुविधा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। मोदी सरकार ने जनता की इन जीवनरेखाओं को केवल अमीर और शक्तिशाली समूहों के लिए निजी ‘फाइनेंसर’ में बदल दिया है। मैं ‘ऑल इंडिया बैंकिंग ऑफिसर्स कन्फेडरेशन’ के एक प्रतिनिधिमंडल से मिला जिन्होंने हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति और आम लोगों पर इसके प्रभाव पर अपनी पीड़ा व्यक्त की।’’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) को लोगों के मुकाबले लाभ को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर किया जा रहा है और इस प्रकार वे प्रभावी ढंग से जनता की सेवा करने में असमर्थ हैं। कर्मचारियों की कमी और कामकाज के खराब माहौल के साथ उनसे समान अवसर के बिना असंभव लक्ष्यों को हासिल करने की उम्मीद की जाती है। महिला कर्मचारियों को समान अवसर या पदोन्नति नहीं दी जाती और बैंक कर्मियों को असंतुष्ट जनता के आक्रोश का भी सामना करना पड़ता है।

कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को अपने जालसाज दोस्तों के लिए धन के असीमित स्रोत के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का उपयोग बंद करना चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में वर्ष के अंत में सरकार को लाभांश चेक देने के अलावा और भी बहुत कुछ होता है।’’

First Published - December 11, 2024 | 1:10 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट