भारत में थोक मुद्रास्फीति (WPI Inflation) में लगातार छठे महीने गिरावट दर्ज की गई है। सितंबर में थोक महंगाई में 0.26 फीसद की गिरावट आई है। सोमवार यानी आज जारी आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है। अगस्त महीने में थोक महंगाई -0.52 फीसदी पर पहुंच गई थी।
पिछले साल सितंबर 2022 में WPI आधारित मुद्रास्फीति 10.55 फीसदी थी। सितंबर में प्राथमिक वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति (WPI Inflation) अगस्त के 6.34 प्रतिशत के मुकाबले 3.7 प्रतिशत रही। सितंबर में ईंधन और बिजली की महंगाई दर -3.35 फीसदी रही, जबकि अगस्त में यह -6.03 फीसदी थी। सितंबर महीने के लिए खाद्य सूचकांक अगस्त के 5.62 प्रतिशत से घटकर 1.54 प्रतिशत हो गया।
पिछले सप्ताह गुरुवार को, सितंबर महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति या खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में 6.83 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 5.02 प्रतिशत पर आ गई। मुद्रास्फीति दो महीने के अंतराल के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के छह प्रतिशत से नीचे के आरामदायक स्तर पर वापस आ गई।
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खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 5.02 फीसदी के स्तर पर आ गई है। जो तीन महीने का सबसे निचला स्तर है। अगस्त में यह 6.83 फीसदी थी। जबकि पिछले साल सितंबर में खुदरा महंगाई दर 7.41 फीसदी रही थी।
इससे पहले जुलाई में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के उच्चस्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गयी थी। जून में खुदरा महंगाई दर 4.87 फीसदी थी।
आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में खाद्य महंगाई दर 6.5 फीसदी के स्तर पर आ गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 9.94 फीसदी था।
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 5.4 फीसदी रहने का अनुमान रखा है। दूसरी तिमाही में इसके 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.7 फीसदी तथा चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 5.2 फीसदी रहने का अनुमान रखा गया था।
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देश का औद्योगिक उत्पादन (IIP) अगस्त महीने में 10.3 प्रतिशत बढ़ा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के आधार पर मापे जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में पिछले साल इसी महीने में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आंकड़ों के मुताबिक, विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन अगस्त, 2023 में 9.3 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं खनन उत्पादन में 12.3 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह अप्रैल-अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं। पिछले साल की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि 7.7 प्रतिशत रही थी।
