facebookmetapixel
भारत में जल्द बनेंगी सुपर एडवांस चिप्स! सरकार तैयार, Tata भी आगे₹100 से नीचे ट्रेड कर रहा ये दिग्गज स्टॉक दौड़ने को तैयार? Motilal Oswal ने दी BUY रेटिंग; चेक करें अगला टारगेटअमेरिका टैरिफ से FY26 में भारत की GDP 0.5% तक घटने की संभावना, CEA नागेश्वरन ने जताई चिंताPaytm, PhonePe से UPI करने वाले दें ध्यान! 15 सितंबर से डिजिटल पेमेंट लिमिट में होने जा रहा बड़ा बदलावVedanta Share पर ब्रोकरेज बुलिश, शेयर में 35% उछाल का अनुमान; BUY रेटिंग को रखा बरकरारGST कटौती के बाद खरीदना चाहते हैं अपनी पहली कार? ₹30,000 से ₹7.8 लाख तक सस्ती हुई गाड़ियां; चेक करें लिस्टविदेशी निवेशकों की पकड़ के बावजूद इस शेयर में बना ‘सेल सिग्नल’, जानें कितना टूट सकता है दाम35% करेक्ट हो चुका है ये FMCG Stock, मोतीलाल ओसवाल ने अपग्रेड की रेटिंग; कहा – BUY करें, GST रेट कट से मिलेगा फायदा2025 में भारत की तेल मांग चीन को पीछे छोड़ने वाली है, जानिए क्या होगा असररॉकेट बन गया सोलर फर्म का शेयर, आर्डर मिलते ही 11% दौड़ा; हाल ही में लिस्ट हुई थी कंपनी

IT मंत्रालय के साथ मिलकर DPII सूचकांक लाएगा विश्व बैंक, डिजिटल अर्थव्यवस्था को मिलेगी मदद

वित्तीय समावेशन में सुधार और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने में इसकी भूमिका को लेकर इसकी व्यापक रूप से सराहना की गई है। कुछ देशों ने भारत के डीपीआई में दिलचस्पी भी दिखाई है।

Last Updated- April 25, 2024 | 9:45 PM IST
World Bank's suggestion to India to reconsider joining RCEP is flawed: GTRI World Bank का भारत को RCEP में शामिल होने पर पुनर्विचार करने का सुझाव त्रुटिपूर्ण: GTRI

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ मिलकर विश्व बैंक राज्य स्तर के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) स्वीकार्यता सूचकांक विकसित करने पर काम कर रहा है। इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था और वित्तीय समावेशन को मदद मिलेगी। बिज़नेस स्टैंडर्ड की ओर से मांगी गई जानकारी पर विश्व बैंक ने कहा कि यह परियोजना अभी तैयारी के स्तर पर है।

विश्व बैंक ने कहा, ‘राज्य स्तर के डीपीआई सूचकांक से डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में आ रही खामियों के विश्लेषण, वित्तीय समावेशन में सहयोग और सार्वजनिक निजी नवोन्मेष को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।’

नाम न जाहिर करने को इच्छुक एक अधिकारी ने कहा कि इस सूचकांक में डीपीआई की स्वीकार्यता के विभिन्न स्तरों का मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘इसका मुख्य मकसद राज्यों को डीपीआई के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित करना है। इसका इस्तेमाल केंद्र सरकार द्वारा मौजूदा व्यवस्था में खामियों को चिह्नित करने के लिए किया जाएगा।’

इस माह की शुरुआत में विश्व बैंक ने अपने विज्ञापन में कहा, ‘यह काम इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत और उसके दिशानिर्देशों के मुताबिक किया जाएगा।’

विश्व बैंक ने इस परियोजना के तौर-तरीकों का कोई ब्योरा नहीं दिया है। उसने कहा,‘प्रस्तावित परियोजना तैयारियों के स्तर पर है। जब इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा तो हम साझा करेंगे।’

डीपीआई खुले मानकों और विशिष्टताओं पर निर्मित साझा और इंटरऑपरेबल डिजिटल सिस्टम्स का स्वरूप है। भारत के डीपीआई को इंडिया स्टैक के नाम से भी जाना जाता है। वित्तीय समावेशन में सुधार और अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने में इसकी भूमिका को लेकर इसकी व्यापक रूप से सराहना की गई है। कुछ देशों ने भारत के डीपीआई में दिलचस्पी भी दिखाई है।

इसमें आधार के माध्यम से डिजिटल पहचान, यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से रियल टाइम भुगतान और अकाउंट एग्रीगेटर जैसी अन्य सेवाएं शामिल हैं। इसे भारत की अध्यक्षता में पिछले साल हुए जी 20 सम्मेलन में प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया था।

पिछले साल केंद्र सरकार ने ओपन सोर्स एक्सेस के साथ बगैर किसी लागत के इंडिया स्टैक और डीपीआई की पेशकश के लिए 8 देशों के साथ सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें आर्मेनिया, सियेरा लियोन, सूरीनाम, एंटीगुआ, बार्बाडोस, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, पापुआ न्यू गिनी और मॉरीशस शामिल हैं।

वाधवानी सेंटर फॉर गवर्नमेंट डिजिटल ट्रांसफार्मेशन के मुख्य कार्याधिकारी प्रकाश कुमार ने कहा कि भारत के डीपीआई से आधे अरब लोग बैंकिंग व्यवस्था में शामिल हुए हैं और करोड़ों लोगों के खाते में सीधे धन जाने लगा है। उन्होंने कहा कि इस सफलता से इसमें 40 से ज्यादा देशों ने रुचि दिखाई है और भारत डिजिटल नवोन्मेष में अग्रणी बन रहा है।

खबर लिखे जाने तक मेइटी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

First Published - April 25, 2024 | 9:45 PM IST

संबंधित पोस्ट