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तेज वृद्धि और निवेश का गढ़ बना उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों और सुधारों ने उत्तर प्रदेश को निवेश और रोजगार का केंद्र बनाया, कारोबारी सुगमता में दूसरे स्थान पर पहुंचा राज्य।

Last Updated- November 28, 2024 | 9:50 PM IST
Business Standard 'Samriddhi' program: Uttar Pradesh is becoming the growth engine of the country, state's GSDP will cross Rs 32 lakh crore in FY25 - Chief Minister Yogi बिज़नेस स्टैंडर्ड ‘समृद्धि’ कार्यक्रम: देश का ग्रोथ इंजन बन रहा उत्तर प्रदेश, FY25 में 32 लाख करोड़ रुपये पार करेगा राज्य का GSDP- मुख्यमंत्री योगी

देश की सबसे बड़ी आबादी को अपने भीतर समेटे उत्तर प्रदेश ने पिछले करीब सात वर्षों में जमीन, संसाधन, कुशल श्रमशक्ति और कानून व्यवस्था का भरपूर इस्तेमाल कर निवेश की बाढ़ ला दी है। किसी समय बीमारू राज्यों में शुमार होने वाला उत्तर प्रदेश कारोबारी सुगमता की रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंचने के लिए होड़ कर रहा है और देश-विदेश की नामी कंपनियां यहां निवेश करने के लिए कतार लगाए खड़ी हैं।

मुश्किल से सात वर्षों में प्रदेश की तस्वीर बदल देने का सबसे बड़ा श्रेय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी नीतियों को जाता है। प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की उनकी कोशिशों ने इसे निवेश, उद्यम और रोजगार का गढ़ बना दिया है।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने प्रदेश की आर्थिक तरक्की की नब्ज को पकड़ने और उसके लिए राज्य सरकार की आगे की योजनाओं को समझने के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘समृद्धि’ कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रदेश के प्रमुख उद्यमियों, उद्योगपतियों, बैंकरों, वरिष्ठ अधिकारियों की शिरकत वाले इस कार्यक्रम में स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए और अपनी सरकार की उपलब्धियों के साथ प्रदेश के बारे में अपने विजन की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि निवेश की खुराक पाकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था किस तरह ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है।

समृद्धि कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भगवद्गीता के एक श्लोक का उल्लेख कर व्यवसाय को परिभाषित किया और बताया कि किस तरह उत्तर प्रदेश में पारंपरिक भारतीय वाणिज्य के सभी कारक और संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थे। लेकिन उन्होंने कहा कि हसके बाद भी प्रदेश अपनी क्षमता के हिसाब से काम नहीं कर पा रहा था।

उन्होंने कहा, ‘25 करोड़ की आबादी के साथ देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में आखिर ऐसा क्या नहीं था कि यह देश के सबसे अग्रणी राज्यों में नहीं आ पा रहा था। हमारे पास किफायती श्रम है, युवा हैं, कौशल है। काशी, प्रयागराज जैसे शिक्षा के अग्रणी केंद्र, कुशल श्रमशक्ति, सबसे उपजाऊ भूमि और सर्वाधिक जल संसाधनों के बाद भी हम पिछड़ गए क्योंकि हम समय की गति को पहचानने और उससे दो कदम आगे रहने में भटक गए।

इसीलिए एक समय ऐसा आया, जब उत्तर प्रदेश के निवासियों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया। राज्य से बाहर जाने पर यहां को युवा, नागरिक और कारोबारी को संदेह के साथ देखा जाता था। यहां निवेश करने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा था।’

उन्होंने पिछली सरकारों की खराब नीतियों और लापरवाही को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए बताया कि प्रदेश की कमान संभालते ही उन्होंने इस बिगड़ी छवि को सुधारने के लिए किस तरह के प्रयास किए। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली उनकी सरकार के आने के बाद से निवेश, उद्यम, व्यापार, रोजगार, शिक्षा और कानून व्यवस्था में किस तरह क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिले हैं।

नीतियां बदलीं और आया निवेश

सरकार और नीतियां बदलते ही निवेश की आवक शुरू होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया, ‘मार्च 2017 में हमारी सरकार बनने के बाद तय हुआ कि प्रदेश में उद्योग को नए सिरे से आगे बढ़ाना है। हमने काम शुरू किया और कुछ समय बाद ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कराने की योजना बनाई गई।

हमारे अधिकारी 20,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य रख रहे थे मगर मैंने पूछा कि इतने कम निवेश के साथ इसे ग्लोबल कैसे कहा जाएगा तो जवाब मिला कि उत्तर प्रदेश में इससे ज्यादा निवेश कोई करेगा ही नहीं। तब हमने इसे यूपी इन्वेस्टर्स समिट का नाम दिया और कम से कम 2 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य लेकर इसके लिए प्रयासों की शुरुआत करने को कहा।’

योगी ने कहा कि समिट के लिए मुंबई में रोडशो करते समय हरेक उद्योगपति उनके आगे हाथ जोड़ रहा था कि उत्तर प्रदेश में जाने का उनका कोई इरादा नहीं था मगर सरकार और नीतियां बदलती देखकर अब इस पर विचार किया जा सकता है। आखिर में पहले ही दिन सरकार को 2.5 लाख करोड़ रुपये से ऊपर के निवेश प्रस्ताव मिल गए। 2018 के इस समिट में करीब 4.59 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के पास न तो प्रदेश के विकास की दृष्टि थी, न लैंड बैंक था और न ही ढंग की नीतियां थीं। नीतियां बनती बी थीं तो मंत्रियों की सहूलियत के लिए बनती थीं। निवेशकों की सुरक्षा की फिक्र नहीं थी और उद्योग को बढ़ावा देने वाली नीतियां नहीं थीं। ऐसे माहौल में कोई भी व्यापारी या उद्योगपति धन क्यों लगाएगा?

व्यापार से रोजगार

इस समय देश और दुनिया में लगभग हर सरकार के सामने चुनौती बनकर खड़ी बेरोजगारी की बात करते हुए योगी ने कहा कि भाजपा सरकार ने जब पहली नीति बनाई तो उसमें उद्योग के साथ रोजगार का नाम भी जोड़ा क्योंकि औद्योगिक विकास वही है, जो युवाओं के लिए रोजगार लाए। 2023 के यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सरकार को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे एक साथ 1.5 करोड़ युवाओं को रोजगार मिल सकता है। उन्होंने कहा, ‘क्या कोई भी सरकार इतनी अधिक नौकरियां दे सकती हैं?

पिछली सरकारों के भ्रष्टाचार से रद्द हुई पुलिस भर्ती हमने दोबारा की और 1.54 लाख लोगों को नौकरी दी। मगर हर साल 1.5 लाख पुलिसकर्मी नहीं रखे जा सकते। नौकरियां रिक्त होने पर ही नई भर्तियां की जा सकती हैं। लेकिन निजी क्षेत्र एक साथ करोड़ों रोजगार दे सकता है और यह तभी मुमकिन है, जब प्रदेश में व्यापार और निवेशआए।’

लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार और निवेश अभी तक इसलिए नहीं आ रहा था क्योंकि पिछली सरकार ने माफिया को बढ़ावा देने की नीति चला रखी थी। पिछली सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया की तर्ज पर माफिया को खूब बढ़ावा दिया जाता था क्योंकि माफिया ही पिछली सरकार का निवेश थे।

हर जिले में एक माफिया होता था, जो व्यापारियों और जनता का जमकर शोषण करता था। इस कारण जो अराजकता और अव्यवस्था फैली थी उसमें व्यापारियों के लिए सुरक्षा ही नहीं रह गई थी। लेकिन व्यापारियों और निवेशकों को वापस लाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था मजबूत की, परंपरागत उद्यमों को बढ़ावा दिया, लैंड बैंक तैयार किया।

अपराध पर जीरो टॉलरेंस

योगी ने कहा, ‘इसके लिए सबसे पहले हमने अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई। भ्रष्टाचार, अपराधी और माफिया को अब पनपने ही नहीं दिया जाता। हमने अपराधियों और माफियाओं को पिछली सरकार से मिली पुलिस सुरक्षा हटा दी। हमने भर्ती कर पुलिस बल की संख्या बढ़ाई। प्रशिक्षण का समय 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने किया। अर्द्धसैनिक प्रशिक्षण केंद्र भी इस काम के लिए इस्तेमाल किए। तकनीक का समावेश पुलिस बल में किया।’

उत्तर प्रदेश में जमीन की कमी दूर करने के लिए लैंड बैंक बढ़ाने के कदमों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में आते ही उन्होंने भूमाफिया विरोधी टास्कफोर्स बनाया। सरकारी जमीन और गरीबों की जमीन से उनका कब्जा हटवाया गया और सभी को हैरत हुई, जब उनके कब्जे से 64,000 एकड़ जमीन मुक्त हो गई। आज वही जमीन उद्योगों और बुनियादी ढांचे के काम आ रही है। जो भी निवेश करना चाहे, उसे मनचाही जमीन मिल रही है।

तकनीक से आसान कारोबार

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बाद उत्तर प्रदेश का मौहाल बदलने और इसे निवेश के अनुकूल बनाकर निजी क्षेत्र को आकर्षित करने के लिए उनकी सरकार ने सुधारों और नीतियों पर बहुत काम किया। पहले की सरकारें प्रदेश की आर्थिक समृद्धि के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर कोई ध्यान नहीं देती थीं। किंतु योगी ने कहा, ‘हमारी सरकार ने आते ही तकनीक लाने और उसका भरपूर इस्तेमाल करने पर ध्यान दिया और निवेश मित्र के नाम से सिंगल विंडो पोर्टल तैयार किया, जो आज देश का सबसे बड़ा सिंगल विंडो पोर्टल है।

इस पोर्टल के जरिये निवेशक को एक ही प्लेटफॉर्म पर 450 से अधिक अनापत्ति प्रमाणपत्र मिल जाते हैं और इसके लिए उसे किसी दफ्तर या व्यक्ति के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए समझौते करने वाले निवेशकों के प्रस्ताव की निगरानी के लिए निवेश सारथी पोर्टल बनाया गया। निवेश के बाद भी प्रोत्साहन हासिल करने के लिए निवेशकों को किसी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ते हैं। उन्हें 1,300 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि ऑनलाइन ही दे दी गई है। इससे व्यापारियों और निवेशकों के मन में सरकार के प्रति भरोसा जगा है, जो प्रदेश में आगे जाकर कई गुना निवेश और रोजगार लाएगा।’

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत का इकलौता राज्य है, जिसने 27-28 क्षेत्रों के लिए विशेष तौर पर नीतियां बनाई हैं। रक्षा एरोस्पेस नीति, सेमीकंडक्टर नीति, लॉजिस्टिक्स नीति जैसी क्रांतिकारी नीतियां उत्तर प्रदेश की सरकार ही लाई, जिनका अनुकरण अब दूसरे राज्य भी कर रहे हैं। इतना ही नहीं प्रदेश की सरकार प्रत्यक्ष विदेश नीति और फॉर्च्यून 500 नीति जैसी अनूठी नीतियां भी लाया है। इन सबका मकसद प्रदेश को उद्योगों के अनुकूल बनाना, रोजगार बढ़ाना और आर्थिक रफ्तार देना है।

प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की सरकार की कोशिशों का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा कि 20-22 करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश का वार्षिक बजट केवल 2 लाख करोड़ रुपये था। हमने पिछले साढ़े सात वर्षों में इसे बढ़ाकर लगभग 7.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया है। उत्तर प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 26 लाख करोड़ रुपये हो चुका है, जो चालू वित्त वर्ष खत्म होते-होते 32 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का हमारा अनुमान है।

कारोबारी सुगमता में छलांग

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक वृद्धि और इस तरह के कदमों से ही उत्तर प्रदेश में कारोबार करना बहुत सुगम हो गया है। उन्होंने कहा कि 2016-17 में उनकी सरकार बनते समय प्रदेश कारोबारी सुगमता की रैंकिंग में 14वें पायदान पर था मगर सकारात्मक नीतियों ने 2019 में ही उसे दूसरे स्थान पर पहुंचा दिया था। अब उत्तर प्रदेश कारोबारी सुगमता में पहले स्थान पर आने की होड़ कर रहा है और कई क्षेत्रों में सबसे अव्वल राज्य बन चुका है। पहले महाराष्ट्र, बंगाल, गुजरात,

तमिलनाडु समेत कई राज्य हमने आगे थे किंतु आज सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था उत्तर प्रदेश ही है और देश में दूसरे स्थान पर है।
उत्तर प्रदेश में हरेक क्षेत्र को बढ़ावा दिए जाने का दावा करते हुए योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने कृषि, डेरी, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के सुधार किए हैं। इससे प्रदेश में बड़ी संख्या में डेरी आई हैं। प्रदेश में कंप्रेस्ड बायोगैस नीति के कारण देश की सबसे अधिक बायोगैस यूनिट यहीं हैं।

बुनियादी ढांचे का कायाकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों के अनुकूल नीतियां बनाने और कानून व्यवस्था को चाक-चौबंद करने की मुहिम के बीच प्रदेश सरकार ने बुनियादी ढांचे को नजरअंदाज नहीं किया। आठ साल पहले प्रदेश में बिजली, सड़क, राजमार्ग, एक्सप्रेसवे और सार्वजनिक परिवहन की स्थिति बहुत खराब थी। उन्होंने कहा, ‘पहले लोग कहते थे कि जहां गड्ढे शुरू हो जाएं समझ जाओ कि वहीं से उत्तर प्रदेश की सीमा शुरू हो गई है।

लेकिन प्रदेश को उस शर्मनाक स्थिति से निकालकर आज भाजपा सरकार वहां ले आई है, जहां हमारी सड़कों और राजमार्गों की गिनती देश की सबसे अच्छी सड़कों में होती है। आज देश में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में ही हैं। कोरोना महामारी के समय भी एक्सप्रेसवे पर काम रुकने नहीं दिया गया, जिसके कारण पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चालू हो चुके हैं और इसी वित्त वर्ष के भीतर गंगा एक्सप्रेसवे भी चालू हो जाएगा।

दिल्ली और मेरठ के बीच देश का पहला 12 लेन का एक्सप्रेसवे चालू हो चुका है। इन दोनों शहरों के बीच देश की पहली रैपिड रेल शुरू हो चुकी है। प्रदेश के छह शहरों में मेट्रो परिवहन है। देश का पहला जलमार्ग भी वाराणसी और हल्दिया के बीच शुरू हो चुका है।’

वोकल फॉर लोकल

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की अपनी नीति का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि सुरक्षा और बेहतर बुनियादी ढांचे के ऐसे माहौल के बीच प्रदेश सरकार ने यह अनूठी नीति शुरू की, जिससे हरेक जिले के एक अनूठे उत्पाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके जरिये प्रदेश के 75 जिलों से चुने हुए 75 उत्पादों की ब्रांडिंग की जा रही है। इन उत्पादों के कुल 75 जीआई टैग भी उत्तर प्रदेश के पास हैं। इस कारण उत्तर प्रदेश से निर्यात काफी बढ़ गया है।

उत्तर प्रदेश का आम रूस में भी ऊंची कीमतों पर निर्यात हो रहा है। आज पीतल नगरी मुरादाबाद से 16,000 करोड़ रुपये का माल निर्यात हो रहा है। भदोही का दम तोड़ चुका कालीन उद्योग नई डिजाइन मिलने के बाद 8,000 करोड़ रुपये का माल निर्यात कर रहा है। ताज महल के कारण बंद हो चुका फिरोजाबाद का कांच उद्योग नई तकनीक उपलब्ध कराए जाने के बाद नए प्राण पा चुका है और 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये का सामान निर्यात कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वोकल फॉर लोकल की नीति को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश से पारंपरिक उद्योगों से होने वाला यही निर्यात तो इस नीति का मकसद था। प्रधानमंत्री की उस परिकल्पना को उत्तर प्रदेश ने अच्छी तरह साकार किया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना पर भी प्रदेश खरा उतर रहा है क्योंकि ग्राम शिल्पियों के लिए प्रोत्साहन का माहौल यहां बनाया जा रहा है। इन्हीं सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के दम पर बड़ा निवेश प्रदेश में आ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की इन्हीं नीतियों के कारण राज्य ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। इतना ही नहीं भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के सपने को साकार करने में भी प्रदेश भरपूर योगदान कर रहा है।

First Published - November 28, 2024 | 9:50 PM IST

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