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Unemployment rate: जुलाई में 1.3 फीसदी घटी बेरोजगारी दर, शहरों के मुकाबले गांवों में हालात बेहतर

Unemployment rate in India: विशेषज्ञ बेरोजगारी दर में गिरावट का कारण बुआई के मौसम और श्रमिकों की नियुक्ति में प्रगति को मानते हैं।

Last Updated- August 04, 2024 | 5:22 PM IST
जुलाई में 1.3 फीसदी घटी बेरोजगारी दर, शहरों के मुकाबले गांवों में हालात बेहतर Unemployment rate decreased by 1.3 percent in July, situation is better in villages than in cities

Unemployment rate in India: भारत में जुलाई महीने में बेरोजगारी दर में 1.3 फीसदी की गिरावट आई है। पिछले महीने जून में बेरोजगारी दर आठ महीने के उच्चतम स्तर नौ फीसदी से ज्यादा थी। उपभोक्ता पिरामिड घरेलू सर्वेक्षण (Consumer Pyramids Household Survey) के अनुसार, जुलाई में बेरोजगारी दर 1.3 फीसदी कम होकर 7.9 प्रतिशत पर आ गई। जून में यह 9.2 प्रतिशत पर थी।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा समय-समय पर आयोजित सर्वेक्षण में 1,78,000 परिवारों को सैंपल के तौर पर शामिल किया गया है। विशेषज्ञ बेरोजगारी दर में गिरावट का कारण बुआई के मौसम और श्रमिकों की नियुक्ति में प्रगति को मानते हैं।

शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में आई ज्यादा गिरावट

सर्वे में शामिल सैंपल के आधार पर लगाए गए अनुमान के अनुसार, जुलाई में बेरोजगारों की संख्या घटकर 3.54 करोड़ रह गई। पिछले महीने जून में यह 4.14 करोड़ थी। जून के विपरीत, जुलाई में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 8.5 फीसदी पर पहुंच गया, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 7.5 फीसदी था।

जून में शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 8.8 फीसदी रही, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह 9.3 फीसदी रही। इस प्रकार, इस अवधि में शहरी क्षेत्रों में 0.3 की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में गिरावट 1.8 फीसदी से ज्यादा थी।

ये आंकड़े ग्रामीण संकट में कुछ राहत का संकेत दे सकती हैं, लेकिन इनसे सरकार को मदद मिलने की संभावना नहीं है, जो निजी क्षेत्र को अधिक लोगों को नियुक्त करने के लिए संघर्ष कर रही है। खासकर शहरी क्षेत्रों में उच्च बेरोजगारी के साथ जहां औपचारिक नौकरियां केंद्रित हैं।

नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स जुलाई में 2,877 पर पहुंच गया

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, बुआई आम तौर पर जून के आसपास शुरू होती है, लेकिन मॉनसून में देरी के कारण जुलाई में कृषि क्षेत्र में नियुक्तियों में बढ़ोतरी हुई। यह वह महीना भी है जब नए हाथ (नए कर्मचारी) संगठनों में शामिल होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि निजी क्षेत्र में नियुक्तियां आमतौर पर कैंपस प्लेसमेंट के बाद होती हैं।

नौकरी जॉबस्पीक इंडेक्स, जो नई नौकरी लिस्टिंग और रिक्रूटर्स से नौकरी से संबंधित खोजों (job-related searches) को ट्रैक करता है, जुलाई में 2,877 पर पहुंच गया, जो पिछले महीने 2,582 था।

बेरोजगारी दर श्रम बल में सक्रिय रूप से नौकरी की तलाश कर रहे लोगों में से बेरोजगार लोगों की संख्या को मापता है। (देखें चार्ट 1)

महिलाओं की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा

देश में पुरुषों की बेरोजगारी दर जून में 7.8 फीसदी से घटकर जुलाई में 7.1 फीसदी हो गई। महिलाओं के लिए, यह 18.6 फीसदी से गिरकर 13.2 फीसदी हो गया। महिलाओं की बेरोजगारी दर में इस बड़ी गिरावट के बावजूद, उनकी बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक बनी हुई है।

इसका एक कारण कुछ फ़ैक्टरी गतिविधियों में महिलाओं की भागीदारी पर विभिन्न राज्यों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध हो सकते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया है कि भारत के 10 राज्यों में कुल 139 प्रतिबंध महिलाओं को "इलेक्ट्रोप्लेटिंग, पेट्रोलियम उत्पादन, कीटनाशकों, कांच और रिचार्जेबल बैटरी जैसे उत्पादों के निर्माण जैसी फैक्ट्री प्रक्रियाओं में भाग लेने से रोकते हैं।"

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 18 गतिविधियों पर प्रतिबंध थे, इसके बाद आंध्र प्रदेश (17), तमिलनाडु (16), महाराष्ट्र (15) और पश्चिम बंगाल में (14) गतिविधियों पर प्रतिबंध थे।

श्रम भागीदारी दर में आई मामूली गिरावट

इस बीच, CMIE के अनुसार, श्रम भागीदारी दर (LPR), जो काम करने के इच्छुक कामकाजी उम्र के लोगों (15 वर्ष से अधिक) का अनुपात दर्शाती है, जून में 41.3 फीसदी से घटकर जुलाई में 41 फीसदी हो गई। इससे सक्रिय रूप से काम की तलाश नहीं करने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि का संकेत मिलता है।

जुलाई में पुरुषों की LPR पिछले महीने के 68 फीसदी से घटकर 67.7 फीसदी हो गई, जबकि महिलाओं के लिए यह 11.2 फीसदी पर ही बनी रही।

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मई महीने में फॉर्मल सेक्टर में बढ़ी नौकरियां

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के आंकड़ों ने मई में फॉर्मल सेक्टर में नौकरी में वृद्धि का संकेत दिया है। एक महीने पहले के 16 लाख की तुलना में 20 लाख की शुद्ध वृद्धि हुई। मई 2023 में यह 9 लाख थी। (देखें चार्ट 3) मई में जोड़े गए कुल लोगों में से लगभग 45 फीसदी 25 वर्ष या उससे कम उम्र के लोगों में से थे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं की घोषणा की। ऐसी ही एक योजना EPFO में नामांकन के आधार पर पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए थी। योजना का असर आने वाले महीनों में पता चलेगा क्योंकि बजट अभी संसद से पारित नहीं हुआ है।

सबनवीस ने कहा कि कुल मिलाकर इस साल अर्थव्यवस्था के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद के साथ, श्रम की मांग बढ़ने की संभावना है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी प्रौद्योगिकी के अधिक उपयोग के कारण इसमें कमी आ सकती है। हालांकि, कुल मिलाकर स्थिति में सुधार होगा।

First Published - August 4, 2024 | 5:22 PM IST

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