facebookmetapixel
हेल्थ इंश्योरेंस रिन्यूअल में देरी घाटे का सौदा! एक्सपर्ट से समझें इससे क्या-क्या हो सकता है नुकसानMeesho दिसंबर में लाएगी अपना IPO, SEBI के पास अपडेटेड DRHP फाइल; $800 मिलियन जुटाएगी कंपनीMarket Outlook: दिवाली वीक में वैश्विक रुझान, FPI के रुख, तिमाही नतीजों से तय होगी बाजार की चालसेंसेक्स की टॉप- 10 कंपनियों में से 7 का MCap ₹2.16 लाख करोड़ बढ़ा, RIL और एयरटेल को सबसे ज्यादा फायदाCBIC का बड़ा फैसला! अब इस तारीख तक फाइल कर सकेंगे GSTR-3Bकलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज की आखिरी दिवाली? 117 साल पुराना सफर अब खत्म की ओरविदेशी निवेशकों की वापसी! भारतीय बाजार में अक्टूबर में डाले 6,480 करोड़ रुपयेUpcoming Bank Holidays: दिवाली वीक में कब बंद रहेंगे बैंक? चेक करें 20 से 26 अक्टूबर तक छुट्टियों की पूरी लिस्टगुजरात के जैनों का अनोखा कार कलेक्शन! एक साथ खरीदी 186 लग्जरी कारें, बचाए 21 करोड़ रुपयेDiwali Muhurat Trading 2025: कंफ्यूजन खत्म करें! दिवाली कब, और मुहूर्त ट्रेडिंग किस दिन? जानें पूरा शेड्यूल

Trump Tariff: ‘कपड़ा, हीरे, रसायन उद्योग के भारतीय MSMEs सबसे ज्यादा प्रभावित’ — CRISIL रिपोर्ट

कपड़ा, रत्न - आभूषण जैसे क्षेत्र, अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात का 25% हिस्सा हैं, इन क्षेत्रों में MSME इकाइयों की भागीदारी 70% से अधिक है।

Last Updated- August 20, 2025 | 4:08 PM IST
MSME योजना का लाभ उठाने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए जारी होगा अंतिम आदेश, Final order to be issued for states and union territories to avail benefits of MSME scheme

अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव डालेगा। यह क्षेत्र देश के कुल निर्यात का लगभग 45% हिस्सा रखता है। CRISIL इंटेलिजेंस की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, विशेष रूप से कपड़ा, रत्न और आभूषण, तथा रसायन क्षेत्र के MSME इकाइयों को सबसे अधिक झटका लगेगा।

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका फिलहाल भारतीय उत्पादों पर 25% एड वेलोरम ड्यूटी लगाता है। लेकिन अब उसने अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने का निर्णय लिया है, जो 27 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। इसके बाद कुल टैरिफ 50% हो जाएगा, जिससे भारतीय निर्यात पर “अर्थपूर्ण और प्रतिकूल प्रभाव” पड़ने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कपड़ा, रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्र, जो अमेरिका को होने वाले भारत के कुल निर्यात का 25% हिस्सा हैं, इनपर सबसे अधिक असर पड़ेगा। इन क्षेत्रों में MSME इकाइयों की भागीदारी 70% से अधिक है।

1. रत्न और आभूषण (गुजरात के सूरत को लगेगा झटका):

सूरत स्थित हीरा उद्योग, जो भारत के रत्न और आभूषण निर्यात में प्रमुख भूमिका निभाता है, इस टैरिफ वृद्धि से बुरी तरह प्रभावित होगा। रिपोर्ट के अनुसार, हीरे भारत के रत्न और आभूषण निर्यात का 50% से अधिक हैं, और अमेरिका इस क्षेत्र का सबसे बड़ा ग्राहक है।

2. कपड़ा उद्योग (बांग्लादेश और वियतनाम से प्रतिस्पर्धा):

रेडीमेड गारमेंट्स अमेरिका में अपनी प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति खो सकते हैं, क्योंकि बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों से आने वाले उत्पादों पर कम टैरिफ लागू होता है। यह भारत के टेक्सटाइल MSMEs के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

3. रसायन उद्योग (जापान और दक्षिण कोरिया से मुकाबला):

रसायन क्षेत्र में भी, जहां MSMEs की हिस्सेदारी लगभग 40% है, भारत को जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा, जिन्हें कम टैरिफ लाभ प्राप्त है।

4. इस्पात उद्योग (प्रभाव नगण्य):

इस्पात क्षेत्र में MSMEs पर अपेक्षाकृत कम प्रभाव होगा, क्योंकि ये इकाइयाँ मुख्यतः री-रोलिंग और लॉन्ग प्रोडक्ट्स में लगी हुई हैं, जबकि अमेरिका फ्लैट प्रोडक्ट्स का आयात करता है।

CRISIL की रिपोर्ट यह संकेत देती है कि भारत के MSME-संचालित निर्यात मॉडल को इस फैसले से गंभीर झटका लग सकता है। बढ़े हुए टैरिफ के कारण भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे, जिससे मांग में कमी आ सकती है और रोजगार, उत्पादन और विदेशी मुद्रा अर्जन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

भारत सरकार ने पहले ही अमेरिकी टैरिफ को “अनुचित और अव्यावहारिक” करार दिया है और कहा है कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी। हालांकि, MSME क्षेत्र पर इस टैरिफ का सीधा और तात्कालिक प्रभाव पड़ेगा, इसलिए उद्योग जगत को नीति सहायता, सब्सिडी और निर्यात प्रोत्साहन की उम्मीद है।

अमेरिका द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ से भारत के छोटे और मंझोले उद्यमों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। विशेषकर वे सेक्टर जो अमेरिका पर अत्यधिक निर्भर हैं, उन्हें अपनी रणनीति बदलनी होगी — चाहे वह नए बाजारों की तलाश हो, प्रतिस्पर्धा में सुधार हो या सरकार से सहयोग की मांग। आने वाले महीनों में MSME नीति और वैश्विक व्यापार रणनीति भारत के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Trump Tariff से उत्पन्न चुनौतियां अगली एक या 2 तिमाहियों में कम हो जाएंगी: CEA वी. अनंथा नागेश्वरन

Trump Tariff: ‘रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए ट्रंप ने भारत पर लगाए प्रतिबंध’- White House 

First Published - August 20, 2025 | 4:01 PM IST

संबंधित पोस्ट