जीएसटी परिषद में ऑनलाइन गेमिंग पर कुल दांव की राशि पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है और इसकी समीक्षा करने या इसे वापस लिए जाने की कोई संभावना नहीं है। यह कहना है कि केंद्रीय राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा का। श्रीमी चौधरी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार को गेमिंग कंपनियों से पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 10 गुना ज्यादा 17,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है। मुख्य अंश:
गेमिंग उद्योग की चिंता के मद्देनजर 28 फीसदी जीएसटी के निर्णय की समीक्षा या उसे वापस लिए जाने की कोई संभावना है?
मुझे नहीं लगता कि अभी इसकी समीक्षा की संभावना है। संभवत: इसे वापस भी नहीं लिया जाएगा क्योंकि जीएसटी परिषद में सर्वसम्मति से इस पर निर्णय लिया गया है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के अधिकारी शामिल थे। कुछ राज्यों ने दांव की समूची राशि पर कर लगाने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि इससे उद्योग पर असर पड़ सकता है। लेकिन अधिकांश राज्य कर की इस दर को लागू करने पर सहमत थे।
इसके लिए जीएसटी कानून में संशोधन करना होगा। ऐसे में कब तक यह नियम लागू हो सकता है?
हम इसे आगामी मॉनसून सत्र में पेश करने का प्रयास करेंगे। कोई बड़ा संशोधन नहीं करना है और वह आसानी से हो सकता है। फिलहाल हम परिषद की फिटमेंट समिति की मंजूरी के साथ कानून का मसौदा तैयार कर रहे हैं। नियम का मसौदा राज्यों को भेजा जाएगा और उसके अनुरूप जीएसटी परिषद के चेयरपर्सन से इसकी मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा और फिर संशोधन के लिए संसद में पेश किया जाएगा। समय कम है लेकिन हम इसे मॉनसून सत्र में ही पेश करने का प्रयास करेंगे।
क्या कोई समयसीमा तय की गई है?
राज्य सरकारों को भी संशोधन करना होगा जिसमें थोड़ा वक्त लग सकता है। मैं कोई निश्चित तारीख नहीं बता सकता मगर इसे जितना जल्दी होगा लागू करने का प्रयास करेंगे। उम्मीद है कि इसे चालू कैलेंडर वर्ष में इसे लागू कर दिया जाएगा।
नियमों में बदलाव से सरकार को राजस्व के मोर्चे पर कितना लाभ होगा?
वित्त वर्ष 2023 में सरकार को ऑनलाइन गेमिंग से 1,700 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। ऐसे में अगर मात्रा पिछले साल जितनी ही रही तो सरकार को पिछले वित्त वर्ष की तुलना में करीब 10 गुना ज्यादा राजस्व मिल सकता है। एसयूवी की परिभाषा को लेकर वाहन विनिर्माता भी चिंतित हैं। उनका कहना है कि इससे कारोबार पर असर पड़ सकता है…
हमने एसयूवी माने जाने की शर्तें निर्धारित की हैं। स्पष्टता नहीं होने की वजह से एक्सयूवी या एमयूवी नाम देकर आप अतिरिक्त उपकर से बच रहे थे। अब केवल नाम को लेकर स्पष्टता लाई गई है और कर की दर पहले की तरह ही है।
क्या क्रेडिट कार्ड पर टीसीएस अब एजेंडे से बाहर हो गया है?
यह मेरे अधिकार क्षेत्र का हिस्सा नहीं है और इस बारे में आर्थिक मामलों का विभाग निर्णय करता है। लेकिन सैद्धांतिक तौर पर मेरा मानना है कि उदारीकृत धनप्रेषण योजना के तहत कौन आता है या नहीं, विचार करते समय भुगतान के तरीके पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में उत्पाद शुल्क संग्रह में कमी आई है। क्या बजट में तय लक्ष्य हासिल हो पाएगा?
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उत्पाद शुल्क में 11 फीसदी की कमी आई है। पेट्रोल और डीजल पर शुल्क घटाने से संग्रह कम हुआ है। हमें उम्मीद है कि कर संग्रह का लक्ष्य हासिल हो जाएगा।