वित्त वर्ष 2024 में उदारीकृत धनप्रेषण योजना (LRS) के तहत भारत से विदेश भेजा जाने वाला धन 31.73 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में जोरदार बढ़ोतरी के कारण ऐसा हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में धनप्रेषण में 16.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके पहले वित्त वर्ष 2023 में 27.14 अरब डॉलर भेजने का रिकॉर्ड था।
पिछले 10 साल में विदेश में धन भेजे जाने की मात्रा लगातार बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मुख्य रूप से प्रति व्यक्ति आमदनी में वृद्धि के कारण हुआ है, जिसकी वजह से लोग विदेश यात्रा, विदेश में शिक्षा सहित अन्य चीजों पर खर्च कर रहे हैं।
एचडीएफसी बैंक में प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, ‘पिछले दशक में प्रति व्यक्ति आमदनी में वृद्धि और विवेकाधीन व्यय बढ़ा है। यह एक वजह हो सकती है, जिससे यात्रा सेग्मेंट की वजह से इसमें बढ़ोतरी हो रही है।’
वित्त वर्ष 2021 में कोविड-19 के कारण एलआरएस के तहत विदेश में धन जाने की मात्रा में तेज गिरावट आई थी, जिसमें महामारी खत्म होने के बाद वृद्धि हो रही है।
वित्त वर्ष 2024 में अंतरराष्ट्रीय यात्रा सेग्मेंट में व्यय बढ़कर 17 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 13.66 अरब डॉलर था। इसके बाद नजदीकी संबंधियों के देखभाल व विदेश में शिक्षा पर क्रमशः 4.61 अरब डॉलर और 3.58 अरब डॉलर खर्च किया गया।
बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इसमें (एलआरएस के तहत धनप्रेषण) वृद्धि जारी रहेगी क्योंकि उच्च आय वर्ग में तेज बढ़ोतरी हुई है। इस वृद्धि के कारण यात्रा सेग्मेंट में वृद्धि जारी रहने की संभावना है क्योंकि लोग यात्रा जारी रखेंगे। साथ ही देश की आमदनी में सुधार के कारण बच्चों की विदेश में पढ़ाई में भी तेजी आएगी।’