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रिटेल महंगाई अक्टूबर में 6 फीसदी के पार, 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची

आरबीआई के गवर्नर श​क्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि अक्टूबर में मुद्रास्फीति सितंबर की तुलना में थोड़ी ऊंची रह सकती है।

Last Updated- November 12, 2024 | 9:36 PM IST
RBI's warning on food inflation pressure, caution necessary in monetary policy फूड इंफ्लेशन के दबाव पर RBI की चेतावनी, मौद्रिक नीति में सतर्कता जरूरी

Retail Inflation: खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी से अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) बढ़कर 6.2 फीसदी पर पहुंच गई जो 14 महीने में सबसे अ​धिक है। खुदरा महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा निर्धारित ऊपरी सीमा को भी पार कर गई। इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दिसंबर की बैठक में ब्याज दर घटाए जाने की संभावना पर भी पानी फिरता दिख रहा है।

इस बीच देश में औद्यौगिक उत्पादन (IIP) सितंबर में बढ़कर 3.1 फीसदी हो गया। अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई थी मगर त्योहारी मांग के कारण सितंबर में उत्पादन बढ़ा है।

राष्ट्रीय सां​ख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति अक्टूबर में 10.87 फीसदी रही जो 15 महीने में सबसे अधिक है। इस दौरान स​ब्जियों, फलों और अनाज के दाम तेजी से बढ़े हैं।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2025 की दिसंबर तिमाही में मौद्रिक नीति समिति के 4.8 फीसदी के अनुमान से कम से कम 60-70 आधार अंक अधिक रह सकती है। ऐसे में दिसंबर की बैठक में दर में कटौती की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि अगले साल फरवरी या उसके बाद दर में 50 आधार अंक की कटौती की गुंजाइश बन सकती है।’

खाद्य पदार्थों और ईंधन की मुद्रास्फीति वाली मुख्य मुद्रास्फीति अक्टूबर में 10 महीने के उच्च स्तर 3.67 फीसदी पर पहुंच गई। इंडिया रेटिंग्स के अर्थशास्त्री पारस जसराई ने कहा, ‘मुख्य मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी मुख्य रूप से दूरसंचार शुल्क और सोने की कीमतें बढ़ने की वजह से हुई है। नवंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 6 फीसदी के आसपास रह सकती है।’

पिछले महीने मौद्रिक नीति समिति ने अपने नीतिगत रुख को बदलकर तटस्थ कर दिया था जबकि रीपो दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था। समिति ने वित्त वर्ष 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 फीसदी पर रहने के अनुमान को भी कायम रखा था। आरबीआई के गवर्नर श​क्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि अक्टूबर में मुद्रास्फीति सितंबर की तुलना में थोड़ी ऊंची रह सकती है।

औद्योगिक उत्पादन दो महीने नरम रहने के बाद सितंबर में बढ़ा है। त्योहारों से पहले पूंजीगत वस्तुओं और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का उत्पादन बढ़ा है।

क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी ने कहा कि आईआईपी को पेट्रोलियम और रसायनिक उत्पादों निर्यात में सुधार से लाभ हुआ है। आने वाले महीनों में औद्योगिक गतिवि​धियों में और तेजी आने की उम्मीद है।

First Published - November 12, 2024 | 9:30 PM IST

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