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RBI की MPC ने तिमाहियों के GDP ग्रोथ के अनुमान बदले, खपत और निजी क्षेत्र का पूंजीगत निवेश बढ़ने की उम्मीद

GDP Growth Forecast: आरबीआई का अनुमान है कि खपत बढ़ने और निजी क्षेत्र का पूंजीगत निवेश बढ़ने से वृद्धि बढ़ेगी और इस साल मॉनसून सामान्य रहने से ग्रामीण मांग को भी मदद मिलेगी।

Last Updated- April 06, 2024 | 8:42 PM IST
GDP base year revision: Government considering changing the base year for GDP calculation to 2022-23 जीडीपी गणना के लिए आधार वर्ष को बदलकर 2022-23 करने पर विचार कर रही सरकार

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 25 की तिमाहियों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अनुमानों में बदलाव किया है जबकि पूरे साल के अनुमान 7 फीसदी को बरकरार रखा है।

केंद्रीय बैंक के ​द्विमासिक मौद्रिक नीति बयान के अनुसार मौद्रिक नीति समिति ने वित्त वर्ष 25 के वृद्धि अनुमानों में कुछ बदलाव किया है। इस क्रम में वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया है। दूसरी तिमाही के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6.9 फीसदी (पहले 6.8 फीसदी) और चौथी तिमाही के वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 7 फीसदी (पहले 6.9 फीसदी) कर दिया है।

इक्रा की शोध व आउटरीच की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने बताया, ‘हमारे अनुमानों की तुलना में आंकड़े अलग हैं। हमें वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही (अप्रैल – सितंबर) के दौरान बदलाव वाले कारकों के कारण जीडीपी 5.5 -5.9 फीसदी के बीच सुस्त रहने की उम्मीद है जबकि वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के दौरान तेजी से वृद्धि 7.1 से 7.2 फीसदी तक होने की उम्मीद है। दूसरी छमाही में बजट और मॉनसून के बाद पूंजीगत व्यय बढ़ने, निजी क्षेत्र का निवेश बढ़ने की उम्मीद, यदि मॉनसून अनुकूल रहता है तो ग्रामीण मांग बढ़ने की आस और निर्यात में कुछ सुधार होने से वृद्धि को बल मिलेगा।’

आरबीआई का अनुमान है कि खपत बढ़ने और निजी क्षेत्र का पूंजीगत निवेश बढ़ने से वृद्धि बढ़ेगी और इस साल मॉनसून सामान्य रहने से ग्रामीण मांग को भी मदद मिलेगी।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बयान में कहा कि ग्रामीण मांग के जोर पकड़ने से 2024-25 में खपत बढ़ने के कारण आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सीमेंट उत्पादन तेजी से बढ़ने के साथ स्टील की मांग बढ़ने और पूंजीत सामान के उत्पादन व आयात से निवेश चक्र को भविष्य में और गति मिलने का संकेत है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि निवेश गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। कारण ये हैं कि निजी पूंजीगत निवेश का आधार निरंतर व्यापक हो रहा है। सरकार पूंजीगत व्यय को निरंतर और जबरदस्त ढंग से बढ़ा रही है। बैंकों और औद्योगिक घरानों का बही-खाता मजूबत हुआ है। क्षमताओं का उपयोग बढ़ रहा है। कारोबार को लेकर आशाएं मजबूत हो रही हैं।

दास ने कहा, ‘वैश्विक वृद्धि और कारोबार बेहतर होने के साथ हमारी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से समन्वय बढ़ रहा है। इससे हमारी घरेलू वस्तुओं और सेवाओं की मांग तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि भू-राजनीतिक स्थितियों से उपजे दबाव के लंबे समय तक जारी रहने और व्यापार मार्ग में बाधाएं बढ़ने के कारण इस नजरिये के प्रति जोखिम पैदा होता है।’

विशेषज्ञ वित्त वर्ष 25 के जीडीपी वृद्धि अनुमानों को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, ‘लागत बढ़ने के कारण कंपनियों के मुनाफे में वृदि्ध सुस्त पड़ने का अनुमान है। इसका परिणाम यह होगा कि वेतन वृद्धि कम होने से शहरों की खपत में सुस्त वृद्धि हो सकती है।’

First Published - April 5, 2024 | 10:42 PM IST

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