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RBI MPC Meet: रेपो दर यथावत, रुख किया तटस्थ; गवर्नर दास ने कहा- कसकर पकड़े रहना होगा महंगाई की लगाम

मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 4 से 6 दिसंबर को होगी जो दास की अध्यक्षता में अंतिम बैठक होगी। दास पिछले सात दशकों में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले आरबीआई गवर्नर हैं।

Last Updated- October 09, 2024 | 10:03 PM IST
RBI Governor Shaktikanta Das

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की छह सदस्यों वाली पुनर्गठित मौद्रिक नीति समिति ने लगातार 10वीं बार रीपो दर को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय किया। मगर उसने मई 2022 में दर वृद्धि का वक्र शुरू होने के बाद पहली बार अपने रुख को बदलकर तटस्थ करने का फैसला किया है। चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर और मुद्रास्फीति के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।

केद्रीय बैंक रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही बढ़ती मुद्रास्फीति को कम करने पर जोर दे रहा था मगर अब वृद्धि और मुद्रास्फीति दोनों को ध्यान में रखा जाएगा। आ​र्थिक गतिवि​धियों में नरमी की आशंका के मद्देनजर आरबीआई के नीतिगत रुख में बदलाव इसका संकेत है।

बाजार के भागीदार अब उम्मीद कर रहे हैं कि रुख में बदलाव के बाद दिसंबर में होने वाली नीति समीक्षा बैठक में दर कटौती की जा सकती है।

मौद्रिक नीति समिति के 5 सदस्यों ने दर को यथावत बनाए रखने के पक्ष में वोट किया जबकि बाहरी सदस्य नागेश कुमार ने रीपो दर में 25 आधार अंक की कटौती करने के पक्ष में मत दिया। रुख को तटस्थ करने पर सभी सदस्य एकमत थे।

रुख में बदलाव करते हुए मौद्रिक नीति समिति ने कहा कि यह वृद्धि को सहारा देते हुए मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में बनाए रखने पर केंद्रित है। अगस्त की बैठक में आरबीआई के सभी आंतरिक सदस्य रुख को तटस्थ करने के लिए तैयार नहीं थे और वे उदार नीति को वापस लेने के रुख को जारी रखन चाहते थे।

आरबीआई के गवर्नर श​क्तिकांत दास ने कहा, ‘मौ​द्रिक नीति समिति की अगस्त की बैठक के बाद के घटनाक्रम मुद्रास्फीति के लक्ष्य के दायरे में बने रहने की दिशा में प्रगति के संकेत देते हैं। निकट अव​धि में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति बढ़ने के बावजूद घरेलू कीमतों की ​स्थिति आगे मुद्रास्फीति में नरमी का संकेत देती है।’

जुलाई और अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 4 फीसदी लक्ष्य के नीचे रही थी। सितंबर के आंकड़े अगले हफ्ते आएंगे और इसके 5 फीसदी के करीब रहने की उम्मीद है।

दास ने पहले अंग्रेजी कहावत का सहारा लेते हुए कहा था कि मुद्रास्फीति बड़ी चुनौती बन गई है। आज उन्होंने एक और मुहावरा इस्तेमाल करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति को लगाम खींचकर काबू में लाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी।’

उन्होंने कहा, ‘हमें नरमी के साथ एहतियात भी बरतना होगा क्योंकि महंगाई फिर भड़क सकती है। हमें उसकी लगाम कसकर पकड़े रहना होगा।’ दास ने कहा, ‘आगे हमें मुद्रास्फीति में कमी के लिए बदलती परि​स्थितियों पर करीबी नजर रखने की जरूरत है।’

आरबीआई के गवर्नर की मुद्रास्फीति संबंधी सतर्कता के बावजूद वृद्धि में नरमी की चिंता के बीच बाजार के भागीदारों ने उम्मीद जताई कि दर में कटौती का चक्र दिसंबर के आरंभ में शुरू हो सकता है।

बैंक ऑफ अमेरिका में अर्थशास्त्री (भारत और आसियान) राहुल बाजोरिया ने कहा, ‘आरबीआई के इस संकेत को देखते हुए हमें लगता है कि दिसंबर की बैठक में दर में कटौती की जा सकती है, क्योंकि दर में नरमी और मुद्रास्फीति लक्ष्य के दायरे में रह सकती है।’

बैंक ऑफ अमेरिका में अर्थशास्त्री (भारत और आसियान) राहुल बाजोरिया ने कहा कि दिसंबर में रीपो दर में 100 आधार अंक की कटौती की जा सकती है। अगर दर कटौती के देरी हुई या कम घटाई गई तो वृद्धि दर में गिरावट को जो​खिम हो सकता है।

काफी उतार-चढ़ाव वाले आंकड़ों से वृद्धि की रफ्तार में सुस्ती का संकेत मिलने के बावजूद केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2024 के लिए अपने वृद्धि अनुमान को 7.2 फीसदी पर बरकरार रखा है। वित्त वर्ष 2025 के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को भी 4.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने एक नोट में कहा है कि अगर दो महीनों के दौरान मुद्रास्फीति 5 फीसदी के दायरे में रही और स​ब्जियों के दाम न बढ़े तो दिसंबर में केंद्रीय बैंक दर में 25 आधार अंकों की कटौती करने पर विचार कर सकता है। रीपो दर में कटौती किए जाने से मकान और वाहन जैसे खुदरा ऋण पर ब्याज दरें कम होंगी क्योंकि अ​धिकतर बैंकों ने ऐसे ऋण को नीतिगत रीपो दर से संबद्ध किया है।

नोट में कहा गया है, ‘आज की मौद्रिक नीति बैठक ने हमें वृद्धि और मुद्रास्फीति के बारे में समिति के छह में से तीन सदस्यों के विचारों से अवगत कराया है। एक नए सदस्य नागेश कुमार ने कटौती के साथ-साथ रुख में बदलाव के लिए मतदान किया और इस प्रकार उनका नरम रुख स्पष्ट है। गवर्नर भी नरम रुख अपनाते दिखे, जबकि डीजी पात्र मुद्रास्फीति के अनुमान को लेकर अधिक सहज दिखे।’

मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 4 से 6 दिसंबर को होगी जो दास की अध्यक्षता में अंतिम बैठक होगी। दास पिछले सात दशकों में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले आरबीआई गवर्नर हैं।

First Published - October 9, 2024 | 10:03 PM IST

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