facebookmetapixel
Vijay Rally Stampede: तमिलनाडु में एक्टर विजय की रैली में भगदड़, 36 लोगों की मौत, कई घायलPowergrid ने बिजली आपूर्ति मजबूत करने के लिए 705 करोड़ रुपये के दो बड़े प्रोजेक्ट को दी मंजूरीन्यूयॉर्क में ब्रिक्स देशों ने व्यापार पर टैरिफ पाबंदियों को बताया गलत, संयुक्त बयान में आतंकवाद की भी निंदाPM मोदी ने ओडिशा से ‘स्वदेशी’ BSNL 4G किया लॉन्च, 97,500 से ज्यादा टावरों का किया उद्घाटनUNGA में एस जयशंकर ने ब्रिक्स मंत्रियों के साथ की बैठक, वैश्विक व्यापार और शांति को लेकर हुई चर्चाUpcoming IPOs next week: अगले हफ्ते मार्केट में IPO और लिस्टिंग की बौछार, निवेशकों के लिए खुलेंगे अवसरHDFC बैंक की दुबई शाखा पर DFSA का प्रतिबंध, नए ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग पर रोकडिफेंस PSU को सेना से मिला ₹30,000 करोड़ का तगड़ा आर्डर, मिसाइल सिस्टम ‘अनंत शस्त्र’ बनाएगी कंपनीशादी के बाद 46% महिलाएं छोड़ती हैं काम, 42% पुरुषों ने लिया तलाक के लिए लोन; सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां अपने शेयरों का करेंगी स्प्लिट, निवेशकों के लिए शेयर खरीदना होगा आसान

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा बोले- ब्याज दर में कटौती का असर दिखने लगा, लोन हुआ सस्ता और क्रेडिट डिमांड हुई तेज

RBI गवर्नर ने कहा कि दर कटौती से लोन सस्ता हुआ है, जिससे क्रेडिट ग्रोथ में तेजी आई और महंगाई पर नियंत्रण हुआ है।

Last Updated- July 26, 2025 | 3:08 PM IST
Sanjay Malhotra
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा | फाइल फोटो

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि फरवरी और अप्रैल में की गई ब्याज दरों में कटौती का असर अब पूरी तरह दिख रहा है। इससे बैंकों के नए लोन की दरें कम हुई हैं और अर्थव्यवस्था में कर्ज की मांग बढ़ रही है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस द्वारा आयोजित एक बैंकिंग समिट में बोलते हुए मल्होत्रा ने बताया कि जून के शुरुआती आंकड़ों के अनुसार, नए लोन की ब्याज दरें कम से कम 50 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.5 फीसदी कम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि 50 बेसिस पॉइंट्स की दर कटौती के दो महीने के भीतर ही इसका पूरा असर दिखना शुरू हो गया है, जो कर्ज और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।

गवर्नर ने यह भी साफ किया कि भविष्य में ब्याज दरों में और कटौती का फैसला आर्थिक विकास और महंगाई की स्थिति को देखकर लिया जाएगा। फरवरी से अब तक RBI की मौद्रिक नीति समिति ने रीपो रेट में कुल 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। जून की नीति में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के साथ ही समिति ने नीति के रुख को ‘उदार’ से बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया। इस बदलाव पर मल्होत्रा ने कहा कि तटस्थ रुख का मतलब यह नहीं है कि दरों में कटौती बंद हो जाएगी। बल्कि, अब दरों को बढ़ाने, घटाने या यथास्थिति बनाए रखने की पूरी गुंजाइश है। हालांकि, उन्होंने माना कि और कटौती के लिए पहले की तुलना में ज्यादा मजबूत आधार चाहिए होगा।

Also Read: ‘नीतिगत दर में कटौती का दिखा असर’, बोले RBI गवर्नर- इससे लोन हुआ सस्ता और क्रेडिट ग्रोथ में आई तेजी

महंगाई पर नजर, विकास को सहारा

मल्होत्रा ने कहा कि RBI का मुख्य लक्ष्य कीमतों को स्थिर रखना है, लेकिन यह आर्थिक विकास के लक्ष्य के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, “वित्तीय स्थिरता के लिए आर्थिक विकास जरूरी है।” गवर्नर ने यह भी जोड़ा कि महंगाई के खिलाफ जंग अभी खत्म नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “हमने महंगाई पर एक लड़ाई जंग जीत ली है, लेकिन अभी भी हमें और काम करना होगा। हमारी नजर हमेशा महंगाई पर रहेगी।” RBI ने वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई दर 3.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। पिछले महीने हेडलाइन महंगाई छह साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी।

बैंकिंग नियमों पर बात करते हुए मल्होत्रा ने कहा कि RBI पुराने नियमों को आसान करने पर काम करेगा। इसके लिए एक रेगुलेटरी रिव्यू सेल बनाया जाएगा, जो नियमों की समय-समय पर समीक्षा करेगा, पुराने नियम हटाएगा और जरूरी बदलाव करेगा ताकि वित्तीय स्थिरता को और मजबूत किया जा सके।

भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते पर बोलते हुए मल्होत्रा ने कहा कि देश को ऐसे और समझौतों की जरूरत है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि यह समझौता हमारे लिए फायदेमंद होगा। वैश्विक स्तर पर बहुपक्षीय व्यापार कम हो रहा है, इसलिए ऐसे समझौते अब जरूरी हैं।”

First Published - July 26, 2025 | 3:08 PM IST

संबंधित पोस्ट