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Rail Line: मंत्रिमंडल ने मनमाड और इंदौर को जोड़ने वाली 18,036 करोड़ रुपये की रेलवे लाइन को दी मंजूरी

यह लाइन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कृषि जिलों को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) से जोड़ने का काम करेगी।

Last Updated- September 02, 2024 | 8:44 PM IST
Telecom Minister Ashwini Vaishnaw

केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने सोमवार को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बीच एक नई रेलवे लाइन को मंजूरी दी है, जिसकी लागत 18,036 करोड़ रुपये होगी। यह रेलवे लाइन मनमाड और इंदौर को जोड़ेगी।

रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह परियोजना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है और लंबे समय से इसकी योजना बनाई जा रही थी। यह लाइन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कृषि जिलों को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) से जोड़ने का काम करेगी।

इस परियोजना को सामाजिक और औद्योगिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के तहत तैयार किया गया है। कैबिनेट के एक बयान में कहा गया है कि यह परियोजना पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी भारत को मध्य भारत से जोड़ने के लिए एक छोटा मार्ग बनाएगी, जिससे इस क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा। इससे उज्जैन-इंदौर क्षेत्र में श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर और अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

मंत्रिमंडल के बयान के अनुसार, यह परियोजना पिथमपुर ऑटो क्लस्टर को JNPA और अन्य राज्य के बंदरगाहों से सीधे जोड़ेगी। इसके साथ ही, यह परियोजना मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को सीधे जोड़कर उत्तर और दक्षिण भारत में इनकी आपूर्ति को आसान बनाएगी।

वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना से 10.2 मिलियन दिनों का रोजगार पैदा होगा। यह रेलवे लाइन, जो मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान एक प्रमुख चुनावी मांग थी, छह जिलों से होकर गुजरेगी और भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की बढ़ोतरी करेगी। इस परियोजना के अंतर्गत 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे बड़वानी जैसे जिलों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

यह नई लाइन लगभग 1,000 गांवों और करीब 30 लाख लोगों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। अब तक, जून में चुनी गई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ने सत्ता में आने के पहले 85 दिनों में 2.5 लाख करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार के अनुसार, यह मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरकों, कंटेनरों, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और पेट्रोलियम जैसे महत्वपूर्ण वस्तुओं के परिवहन के लिए अहम होगा।

इस परियोजना से रेलवे की क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे हर साल लगभग 26 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई संभव हो सकेगी। रेलवे एक पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-सक्षम परिवहन माध्यम है, जो देश की लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेगा, तेल आयात को 18 करोड़ लीटर तक घटाएगा, और CO2 उत्सर्जन को 138 करोड़ किलोग्राम तक कम करने में मदद करेगा, जो कि 5.5 करोड़ पेड़ों के रोपण के बराबर है।

First Published - September 2, 2024 | 8:44 PM IST

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