संसद में बुधवार को पेश अपनी रिपोर्ट में वित्त पर बनी संसद की स्थायी समिति ने सरकार के कर्ज की निगरानी और प्रबंधन के लिए व्यापक और समन्वित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है। इसका मकसद केंद्र व राज्य सरकारों के विवेकपूर्ण राजकोषीय नीतियों का पालन सुनिश्चित करना है।
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने समिति से कहा कि सरकार द्वारा 2031 तक ऋण जीडीपी अनुपात घटाकर 50 प्रतिशत करने की घोषणा की गई है, जो देश का कुल मिलाकर आम कर्ज नीचे लाने के लिए पर्याप्त नहीं है, राज्यों को भी अपना ऋण जीएसडीपी अनुपात घटाने की जरूरत है।
स्थायी समिति की रिपोर्ट में सेठ के हवाले से कहा गया है, ‘हमारा लक्ष्य 60 प्रतिशत (आम कर्ज और जीडीपी अनुपात) का है। लेकिन यह देखते हुए कि हम 80 प्रतिशत से ऊपर हैं, 60 प्रतिशत का लक्ष्य दूर है। सबसे पहले हमें इसे 75 प्रतिशत पर लाना है। राज्यों को भी अपना ऋण जीएसडीपी अनुपात घटाना होगा।