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अब गांव में घर बनाने के लिए 1.2 लाख की बजाय 2 लाख रुपये देगी सरकार? आगामी बजट में हो सकती है घोषणा

Rural Housing Scheme: सरकार ग्रामीण इलाकों के विकास पर खर्च बढ़ाने की भी योजना बना रही है

Last Updated- July 03, 2024 | 9:52 PM IST
FM Sitharaman

भारत सरकार अगले बजट में ग्रामीण आवास पर मिलने वाली सब्सिडी को 50% तक बढ़ाने की योजना बना रही है, जो पिछले साल से $6.5 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो सकती है। यह चुनावों में प्रधानमंत्री की पार्टी को हुई हार के बाद किया जा रहा है, ऐसा सरकारी सूत्रों का कहना है।

ग्रामीण इलाकों के विकास पर खर्च बढ़ाने की भी योजना बना रही सरकार

सरकार ग्रामीण इलाकों के विकास पर खर्च बढ़ाने की भी योजना बना रही है, जिसके अंतर्गत गांव की सड़कों और उन युवाओं के लिए रोजगार कार्यक्रम शामिल हैं जो खेती के अलावा अन्य क्षेत्रों में कम मौकों की वजह से खेती पर ही निर्भर हैं।

अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह 2016 में शुरू हुए ग्रामीण आवास कार्यक्रम पर केंद्र सरकार के सालाना खर्च में अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी होगी। सरकारी सूत्रों में से एक ने बताया कि “सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की व्यापक दिक्कतों को लेकर चिंतित है, जो खाद्य पदार्थों की महंगाई और किसानों की आय में धीमी वृद्धि से बढ़ रही है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पिछले महीने खत्म हुए राष्ट्रीय चुनाव में विपक्ष के बहुत अच्छा प्रदर्शन करने के बाद, एक दशक में पहली बार सरकार चलाने के लिए सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। पीएम आवास योजना (ग्रामीण) के तहत, सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में अतिरिक्त 2 करोड़ घरों के निर्माण में मदद करना है। पिछले आठ वर्षों में गरीब परिवारों के लिए 2 करोड़ 60 लाख से अधिक घरों के लिए सरकार मदद दे चुकी है।

ग्रामीण आवास के लिए 55000 करोड़ से ज्यादा की राशि की जा सकती है आवंटित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस महीने के अंत में बजट पेश करते समय इस योजना के बारे में विस्तार से बताएंगी। सरकार के एक सूत्र ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि इस साल कई ग्रामीण योजनाओं के लिए बजट में काफी बढ़ोतरी की जाएगी। इनमें आवास, सड़कें और रोजगार कार्यक्रम शामिल हैं।” उन्होंने बताया कि ग्रामीण आवास के लिए केंद्र सरकार की सहायता राशि 55,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है। पिछले वित्त वर्ष में यह 32,000 करोड़ रुपये थी।

उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम पर सरकारी खर्च में भी बड़ी वृद्धि की उम्मीद है। पहले इसके लिए 86,000 करोड़ रुपये का अनुमान था। लेकिन इस अतिरिक्त खर्च के लिए सरकार बाद में संसद से मंजूरी मांग सकती है, न कि बजट के हिस्से के रूप में। उन्होंने बताया कि गांव की सड़कों पर खर्च बढ़ाने का एक अलग प्रस्ताव भी विचाराधीन है। चालू वित्त वर्ष में इसके लिए 12,000 करोड़ रुपये का अनुमान था।

बजट से पहले सलाह-मशविरे के दौरान अर्थशास्त्रियों और उद्योग जगत के लीडर्स ने सरकार से गांवों में खर्च बढ़ाने की मांग की थी ताकि लोगों का सामान खरीदने पर खर्च बढ़े। उन्होंने बताया कि निजी खर्च, आर्थिक विकास की रफ्तार (लगभग 8%) से आधी रफ्तार से बढ़ रहा है।

सूत्रों ने बताया कि गरीबों के लिए 2 करोड़ ग्रामीण घर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अगले कुछ सालों में 4 लाख करोड़ रुपये (47.89 बिलियन डॉलर) तक आवंटित किए जाने की उम्मीद है, जिसमें केंद्र सरकार का योगदान लगभग 2.63 लाख करोड़ रुपये होगा।

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दिया घर के लिए सरकारी सहायता राशि बढ़ाने का प्रस्ताव

दूसरे सरकारी अधिकारी ने बताया, पिछले महीने, सत्ता संभालने के कुछ समय बाद, मोदी के मंत्रिमंडल ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 3 करोड़ घर बनाने में मदद करने की योजना की घोषणा की। हालांकि, उन्होंने इस पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा ये नहीं बताया। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रति घर के लिए सरकारी सहायता राशि बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। पहले यह राशि 1.2 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर लगभग 2 लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया है। मंत्रालय ने इसका कारण कच्चे माल की बढ़ती कीमतों को बताया है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published - July 3, 2024 | 5:15 PM IST

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