भारत में हर तीन में दो लोग अब किसी एक सामाजिक सुरक्षा लाभ के अंतर्गत आते हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने आज यह जानकारी दी। इस लिहाज से देखा जाए तो देश के 95 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है।
आईएलओ स्टैट डेटाबेस के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, भारत में साल 2025 में 64.3 फीसदी आबादी सामाजिक सुरक्षा दायरे के अधीन है, जो एक दशक पहले सिर्फ 19 फीसदी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘यह एक उल्लेखनीय वृद्धि है, जो हमारी कल्याणकारी योजनाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और यह सुनिश्चित करने का भी संकेत देता है कि हमारी विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचें।’
अपने आकलन में आईएलओ ने केंद्रीय और राज्य सरकार की 32 योजनाओं के आंकड़े शामिल किए थे, जिनमें 24 योजनाएं पेंशन से जुड़ी थीं। इन योजनाओं में अटल पेंशन योजना, किसान सम्मान निधि, मनरेगा, जननी सुरक्षा योजना और पीएम पोषण जैसी योजनाएं शामिल थीं।
प्रत्येक देश के लिए योजना पर विचार करने के लिए आईएलओ के मानदंडों में योजना को विधायी रूप से समर्थन प्राप्त होना, नकद और सक्रिय होना और पिछले तीन वर्षों के सत्यापित समयबद्ध आंकड़े प्रदान किया जाना शामिल है।
सामाजिक सुरक्षा दायरा बढ़ने से भारत का वैश्विक जुड़ाव और मजबूत होने की उम्मीद है। यह खासकर विकसित देशों के साथ सामाजिक सुरक्षा समझौतों को अंतिम रूप देने में और यह एक विश्वसनीय और मजबूत सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को प्रदर्शित करके व्यापार एवं श्रम गतिशीलता वार्ताओं में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा।
श्रम मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कर कहा है, ‘यह दुनिया भर में सामाजिक सुरक्षा दायरे में सबसे तेज विस्तार है। यह अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने और किसी को भी पीछे न छोड़ने के वादे को पूरा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’
मंगलवार को जिनेवा में सालाना अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के अवसर पर आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो के साथ द्विपक्षीय बैठक में केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने आईएलओ को सरकार द्वारा किए गए राष्ट्रीय स्तर के सामाजिक सुरक्षा डेटा पूलिंग के बारे में भी जानकारी दी, जिससे आईएलओ के लिए नए डेटा को देखना संभव हो गया।
इस प्रक्रिया के तहत, केंद्र ने पहले चरण में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कुछ प्रमुख राज्यों को उनके द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के आंकड़े साझा करने के लिए पत्र लिखा है।
मंत्रालय ने कहा है, ‘यह ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि वर्तमान आंकड़ा केवल चरण एक को बताता है। इस चरण में चयनित आठ राज्यों में केंद्र की योजनाओं और महिला-केंद्रित योजनाओं के लाभार्थी आंकड़ों पर ध्यान दिया गया। चरण दो और आगे के आंकड़ों के साथ, उम्मीद है कि भारत का कुल सामाजिक सुरक्षा दायरा जल्द ही आईएलओ द्वारा अतिरिक्त योजनाओं के सत्यापन पर 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा।’