Manufacturing PMI in May: मई 2025 में भारत के विनिर्माण क्षेत्र (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर) की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है। एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अप्रैल के 58.2 से घटकर मई में 57.6 पर आ गया। यह फरवरी के बाद का सबसे निचला स्तर है। हालांकि यह अब भी न्यूट्रल स्तर 50.0 और लॉन्ग टर्म एवरेज 54.1 से काफी ऊपर है। इससे संकेत मिलता है कि क्षेत्र में विकास की रफ्तार अब भी बनी हुई है।
मई में विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार मजबूत घरेलू और वैश्विक मांग, सफल मार्केटिंग प्रयासों और निर्यात ऑर्डर्स में तेज़ बढ़ोतरी के कारण हुआ। कंपनियों ने एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका जैसे प्रमुख वैश्विक बाजारों से मजबूत डिमांड की जानकारी दी। निर्यात ऑर्डर्स में तीन वर्षों की सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, सर्वे में शामिल कंपनियों ने मई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई इस मंदी का कारण कड़ी प्रतिस्पर्धा, लागत बढ़ोतरी और भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को बताया। उन्होंने कहा कि इन कारणों ने कारोबारी भावना पर असर डाला है।
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मई महीने में रोजगार के मोर्चे पर ऐतिहासिक बढ़ोतरी देखी गई। PMI सर्वे के इतिहास में यह अब तक की सबसे तेज़ भर्ती रही। कंपनियों ने अस्थायी की बजाय स्थायी पदों पर ज़ोर दिया। इस निरंतर नियुक्ति से कंपनियों ने कार्यभार को बेहतर ढंग से संभाला और लगातार छह महीनों से जारी बैकलॉग्स की समस्या पर रोक लग पाई।
मई में लागत दबाव तेज़ हुआ। इनपुट महंगाई दर छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। एल्यूमीनियम, सीमेंट, लोहा, चमड़ा, रबर और रेत जैसे कच्चे माल के साथ-साथ माल ढुलाई और श्रमिक लागत में वृद्धि इसके मुख्य कारण रहे। लाभ को बनाए रखने के लिए कंपनियों ने उत्पादों की कीमतों में बीते 11 वर्षों में सबसे तेज़ बढ़ोतरी में से एक की। महंगाई दबाव के बावजूद, भारतीय निर्माताओं का आत्मविश्वास बना हुआ है। कंपनियों ने आने वाले वर्ष में उत्पादन में वृद्धि को लेकर आशावाद जताया है। इसके पीछे विज्ञापन और ग्राहकों की बढ़ती पूछताछ को मुख्य कारण बताया गया है।
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मैन्युफैक्चरिंग PMI (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है, जो किसी देश के विनिर्माण क्षेत्र की व्यावसायिक गतिविधियों का आकलन करता है। यह सर्वे उन खरीद प्रबंधकों से जानकारी लेकर तैयार किया जाता है, जो उत्पादन, नए ऑर्डर्स, रोजगार, आपूर्तिकर्ता प्रदर्शन और इन्वेंटरी जैसी प्रमुख गतिविधियों पर नजर रखते हैं।