India’s fiscal deficit April to August 2024: भारत का राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष (FY25) के पहले पांच महीने यानी अप्रैल-अगस्त के दौरान 4.35 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 25 के बजट अनुमान का 27% है। बता दें कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए फिस्कल डेफिसिट का अनुमान 16.13 लाख रुपये है। 2023-24 की इसी अवधि में घाटा बजट अनुमान (BE) का 36% था। यह जानकारी आज यानी सोमवार को लेखा महानियंत्रक (CGA) ने दी।
गौरतलब है कि भारत का राजकोषीय घाटा FY25 के पहले चार महीने यानी अप्रैल-जुलाई के दौरान 2.77 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो FY25 के बजट अनुमान का 17.2% है।
केंद्रीय बजट में, सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.9% तक लाने का अनुमान लगाया है। 2023-24 में घाटा GDP का 5.6% था।
अप्रैल-अगस्त 2024 की अवधि में कुल सरकारी खर्च (total government expenditure) 16.52 लाख करोड़ रुपये रहा, जो बजट लक्ष्य का लगभग 34.3% है। पिछले साल की समान अवधि में यह भारत सरकार का कुल खर्च 16.7 लाख करोड़ रुपये (बजट अनुमान का 37.1%) रहा था। माना जा रहा है कि आम चुनाव के कारण करकारी खर्च में कमी आई है।
2024-25 के पहले पांच महीनों के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-खर्च डेटा की जानकारी देते हुए CGA ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के लिए नेट टैक्स रेवेन्यू 8.7 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बजट अनुमान का 33.8% है। जुलाई 2023 के अंत में नेट टैक्स रेवेन्यू कलेक्शन 34.5% था।
FY25 के पहले पांच महीनों में सरकार का पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) या इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर खर्च 3,00,987 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना लक्ष्य का 27.1% है। जबकि, पिछले साल की समान अवधि में यह 373799 करोड़ रुपये (बजट लक्ष्य का 37.4%) रहा था।