India’s fiscal deficit: भारत का राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष (FY25) के पहले चार महीने यानी अप्रैल-जुलाई के दौरान 2.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित् वर्ष 25 के बजट अनुमान का 17.2% है। यह जानकारी आज यानी शुक्रवार को लेखा महानियंत्रक (CGA) ने दी।
इस अवधि के लिए शुद्ध कर प्राप्तियां (Net tax receipts) 7.15 लाख करोड़ रुपये रही, जो बजट के सालाना लक्ष्य का 27.7% है। जबकि, पिछले साल की समान अवधि में यह 5.83 लाख करोड़ रुपये थी, जो बजट लक्ष्य के 25% के बराबर थी।
इस अवधि में कुल सरकारी खर्च (total government expenditure) 13 लाख करोड़ रुपये रहा, जो बजट लक्ष्य का लगभग 27% है। पिछले साल की समान अवधि में यह भारत सरकार का कुल खर्च 13.81 लाख करोड़ रुपये (बजट लक्ष्य का 30.7%) था।
पहले चार महीनों में सरकार का पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) या इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर खर्च 2.61 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सालाना लक्ष्य का 23.5% है। जबकि, पिछले साल की समान अवधि में यह 3.2 लाख करोड़ रुपये (बजट लक्ष्य का 31.7%) रहा था।
अप्रैल-जुलाई तिमाही के दौरान सरकार को टैक्स के अलावा जो राजस्व प्राप्त हुआ यानी नॉन टैक्स रेवेन्यू 3.01 लाख करोड़ रुपये रहा। इस लिहाज से 5.45 लाख करोड़ के सालाना बजट अनुमान का 55.3% इन चार महीनों में हासिल कर लिया गया है। पिछले साल की समान अवधि के दौरान नॉन टैक्स रेवेन्यू 59.3% हासिल किया गया था, जो 1.79 लाख करोड़ रुपये बैठता है।
भारत सरकार ने अपने हालिया बजट में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को GDP के 4.9% पर रखा है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष (FY24) में यह 5.6% था।