जी-20 सम्मेलन के व्यापार एवं निवेश पर बने कार्यसमूह की आगामी बैठक में विकासशील देशों में लॉजिस्टिक्स को अनुकूल और सुलभ बनाने के एजेंडे पर भारत का जोर होगा। इस सम्मेलन की अध्यक्षता भारत कर रहा है। इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि इस बात पर भी ध्यान होगा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लॉजिस्टिक्स लागत कैसे घटाई जा सकती है।
मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘महामारी से जुड़े आपूर्ति संबंधी व्यवधान कम हो चुके हैं, जिसकी वजह से ढुलाई की लागत घटी है।
कंटेनर का बड़ा हिस्सा चीन से आता है। कंटेनर का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी हमने पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना) पेश करने पर विचार किया है।’ कंटेनरों के घरेलू विनिर्माण से न सिर्फ लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, बल्कि शिपिंग कंटेनरों के मामले में चीन पर निर्भरता कम होगी।
अभी वाणिज्य विभाग व्यापार और निवेश पर बने कार्यसमूह के लिए काम तेज कर रहा है, जहां प्राथमिकता वाले 5 क्षेत्रों- लॉजिस्टिक्स, वृद्धि, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सुधार एमएसएमई और विश्वसनीय वैश्विक मूल्य श्रृंखला को चिह्नित किया गया है।
जी-20 शेरपा व्यवस्था के तहत व्यापार एवं निवेश कार्यसमूह के लिए यह विभाग नोडल विभाग है। सरकार के अधिकारियों ने कहा कि कार्यसमूह की 4 बैठकों का आयोजन होगा, जिसमें पहली बैठक मार्च के अंत तक मुंबई में होगी। उसके बाद बेंगलूरु, केवड़िया और जयपुर में बैठकें होंगी।
भारत ने 1 दिसंबर, 2022 से जी-20 की अध्यक्षता संभाली है, जिसे देखते हुए यह चर्चा अहम है। जी-20 सम्मेलन सितंबर में होगा। सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम संबंधी विषय के तहत गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम), डिजिटल कॉमर्स पर ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) और यह प्लेटफॉर्म किस तरह से छोटे व्यापार को समर्थन कर सकते हैं, इस पर भारत का जोर होगा।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘हम इस पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं कि छोटे कारोबार किस तरह से व्यापार में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और वे किस तरह से तकनीक को अपना सकते हैं। भारत में ओएनडीसी जैसी पहल से हम कवायद करेंगे कि इन साधनों का किस तरह से इस्तेमाल हो सकता है, जिसमें एमएसएमई पर विशेष ध्यान हो।’
इसी तरह से जी-20 की बैठक में भारत डब्ल्यूटीओ में सुधारों पर बातचीत की पहल करेगा, क्योंकि सदस्य देश डब्ल्यूटीओ के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं, जो अगले साल फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात में होने वाली है। भारत कोविड-19 महामारी जैसी अहम परिस्थितियों में डब्ल्यूटीओ में एक ढांचा विकसित करने पर जोर देगा।