लाल सागर संकट से उभरते भू-राजनीतिक जोखिमों के बावजूद, भारत को आगामी वित्तीय वर्ष में 7% आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है।
सोमवार को सरकार की हालिया आर्थिक रिव्यू में, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की टीम ने कहा कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष में भारत की वृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था को पार करने की उम्मीद है। यह वृद्धि स्थिर घरेलू मांग और निजी निवेश से प्रेरित होगी।
सरकार ने कहा, “लाल सागर में हाल की घटनाओं ने वैश्विक सप्लाई चेन पर निर्भरता के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं, जिससे 2023 में वैश्विक व्यापार में पहले से ही धीमी वृद्धि और खराब हो गई है।”
सरकार ने कहा कि अगर 2024 में सप्लाई चेन में व्यवधान जारी रहा, तो यह व्यापार, परिवहन लागत, आर्थिक उत्पादन और वैश्विक मुद्रास्फीति को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, भारत इन उभरती चुनौतियों के प्रबंधन को लेकर आश्वस्त बना हुआ है।
इस गर्मी में देश के आगामी आम चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा अपना अंतिम बजट पेश करने से ठीक पहले विकास अनुमानों की घोषणा की गई है। इन विकास अनुमानों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी।
लेटेस्ट अनुमान शुरुआती अनुमानों के विपरीत है, जिसमें चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 7.3% बढ़ने का अनुमान लगाया गया था। गौर करने वाली बात है कि ये अनुमान 2022/23 में 7.2% और 2021/22 में 8.7% की वृद्धि के बाद लगाए गए थे।
रिव्यू में कहा गया है, “घरेलू मांग, विशेषकर निजी उपभोग और निवेश में जो मजबूती देखी गई है, उसका श्रेय पिछले एक दशक में सरकार द्वारा किए गए सुधारों और उपायों को दिया जाता है।”
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान है कि भारत अगले तीन सालों तक सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। यह ट्रेंड भारत को 2030 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर ले जाएगा।
रिव्यू में कहा गया है कि वित्तीय क्षेत्र में मजबूती और चल रहे और आगामी स्ट्रक्चरल सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आने वाले वर्षों में 7% से ऊपर की विकास दर हासिल करने की अत्यधिक संभावना होगी।
रिव्यू में बताया गया है कि भारत को हेडलाइन खुदरा मुद्रास्फीति में धीरे-धीरे कमी की उम्मीद है, हालांकि इसमें कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। दिसंबर में खुदरा महंगाई दर पिछले महीने के 5.55% से बढ़कर 5.69% हो गई। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)