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India UK FTA: शुरू हो सकती है ब्रिटेन से मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत, लेबर पार्टी की नई सरकार ने दिए संकेत

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘ब्रिटेन में 30 अक्टूबर को बजट पेश किया जाना है। नवंबर में बातचीत शुरू हो सकती है।’

Last Updated- October 16, 2024 | 9:54 PM IST
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भारत सरकार नवंबर में ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) फिर शुरू होने की उम्मीद कर रही है। भारत को उम्मीद है कि इस महीने के अंत में बजट पेश किए जाने के बाद ब्रिटेन अगले दौर की बातचीत के लिए आगे बढ़ेगा।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को कहा, ‘ब्रिटेन में 30 अक्टूबर को बजट पेश किया जाना है। नवंबर में बातचीत शुरू हो सकती है।’ ब्रिटेन के अधिकारी भी अपने नए मंत्रियों को प्रस्तावित एफटीए के बारे में जानकारी दे रहे हैं। हालांकि एफटीए पर बातचीत फिर से शुरू होने की औपचारिक घोषणा अब तक नहीं की गई है।

भारत और ब्रिटेन जनवरी 2022 से व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। इसके पहले के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के कार्यकाल में दोनों पक्षों के बीच बातचीत में उल्लेखनीय प्रगति हुई थी।

दोनों देशों में चुनाव होने के कारण बातचीत में देरी हुई। ब्रिटेन में लेबर पार्टी की नई सरकार ने संकेत दिए हैं कि भारत उसकी प्राथमिकता में बना रहेगा।

एफटीए की प्रगति

अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि जहां तक ऑस्ट्रेलिया के साथ अंतरिम व्यापार समझौते का सवाल है, आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता (ईसीटीए) लागू होने के बाद भारत के निर्यातक इसका 89 प्रतिशत से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। दोनों पक्ष प्रस्तावित समग्र आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) में तेजी लाने पर बातचीत कर रहे हैं क्योंकि मई 2025 में वहां चुनाव होने वाले हैं।

अग्रवाल ने कहा, ‘दोनों पक्ष इसे लेकर गंभीर हैं। हम अगले दो महीने तक यह देखने की कवायद करेंगे कि क्या इसका वक्त कम किया जा सकता है। ऐसे में हम इसे अंतिम रूप देने का लक्ष्य पा सकते हैं। अन्यथा अगले साल ऑस्ट्रेलिया में चुनाव होने जा रहा है और ऐसी स्थिति में बातचीत आगे बढ़ने की संभावना है।’

भारत ने दोनों पक्षों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के नौवें दौर के दौरान यूरोपीय संघ (ईयू) के सततता उपायों, जैसे कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (सीबीएएम), वनों की कटाई के नियमों के बारे में भारतीय हितधारकों की चिंताओं को उठाया है।

वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव एल सत्य श्रीनिवास ने सोमवार को कहा, ‘हमने 20 नीति क्षेत्रों पर चर्चा की। हमने सरकारी खरीद, ओरिजिन के नियम, एपीएस, टीबीटी से जुड़े अध्यायों को इसमें शामिल किया। प्रमुख ध्यान बाजार तक पहुंच की उम्मीदों और नए नियमों पर रहा, चाहे वह सीबीएएम हो या वनों की कटाई का मसला। इनका क्या असर होगा, इस पर भी बात हुई।’

नवें दौर की बातचीत 23 से 27 सितंबर के बीच हुई। पिछले सप्ताह भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के अधिकारियों ने प्रस्तावित व्यापार समझौते में उम्मीद से धीमी प्रगति को संज्ञान में लिया था और आपसी सहयोग की राह निकालने की बात कही थी, जिससे बातचीत में प्रगति हो सके।

First Published - October 16, 2024 | 9:54 PM IST

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