देश का प्रमुख भुगतान प्लेटफॉर्म यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) और सिंगापुर की PayNow पेमेंट सिस्टम ने वास्तविक समय में सीमा पार पेमेंट सिस्टम लिंकेज की सुविधा की आज शुरुआत की। भारत ने पहली बार किसी देश के साथ इस तरह की साझेदारी की है।
दोनों देशों की पेमेंट सिस्टम्स के लिंकेज की सुविधा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग ने की। इस मौके पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास और सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक रवि मेनन ने मोबाइल फोन का उपयोग कर इस सुविधा के जरिये पहला लेनदेन किया।
आरबीआई ने कहा कि नई लिंकेज सुविधा के माध्यम से केवल यूपीआई आईडी, मोबाइल नंबर या वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) का इस्तेमाल करके उपयोगकर्ता अपने बैंक खाते या ई-वॉलेट में जमा पैसे को भारत से हस्तांतरित कर या मंगा सकता है।
भारतीय उपयोगकर्ता एक दिन में अधिकतम 60,000 रुपये (करीब 1,000 सिंगापुर डॉलर) तत्काल भेज सकते हैं।
मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कहा, ‘यह सुविधा दोनों देशों के बीच सीमा पार धन प्रेषण का वास्तविक समय में और किफायती विकल्प प्रदान करेगी। इस सुविधा का लाभ विशेष रूप से प्रवासी कामगारों, पेशेवरों, छात्रों और उनके परिवारों को मिलेगा।’
लूंग ने कहा कि सिंगापुर में 4 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं और दोनों देशों के बीच सालाना 1 अरब डॉलर से ज्यादा सीमा पार खुदरा भुगतान और पैसे भेजे जाते हैं।
भारत के पहले सीमा बार रीयल टाइम पर्सन-टु-पर्सन पेमेंट लिंकेज शुरू करने के साथ ही UPI और PayNow के बीच यह साझेदारी क्लाउड आधारित बुनियादी ढांचे और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों द्वारा भागीदारी के लिए दुनिया का पहली सुविधा की शुरुआत भी है।
आरबीआई, सिंगापुर का मौद्रिक प्राधिकरण, एपीसीआई अंतरराष्ट्रीय भुगतान लिमिटेड, बैंकिंग कंप्यूटर सर्विसेज, भागीदार बैंकों के साथ साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों ने इस लिंकेज को तैयार करने के लिए साथ मिलकर काम किया है। वर्ष 2018 में दोनों देशों के बीच कार्ड और क्यूआर कोड भुगतान की अनुमति के लिए सिंगापुर के नेटवर्क फॉर इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर्स ने एनपीसीआई अंतरराष्ट्रीय भुगतान लिमिटेड के साथ मिलकर काम किया था।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘PayNow और UPI को जोड़ने का विचार पहली बार 2018 में सामने आया था जब प्रधानमंत्री मोदी सिंगापुर की यात्रा पर आए थे। PayNow-UPI लिंकेज बैंक खातों या ई-वॉलेट की तरह ही व्यापार और व्यक्तियों के लिए सीमा पार खुदरा भुगतान एवं पैसे भेजने-प्राप्त करने के लिए किफायती, तेज और सुरक्षित सुविधा उपलब्ध कराएगा।’
हाल ही में दास ने सार्वजनिक तौर पर चालू वित्त वर्ष में धन प्रेषण में तेजी आने पर भरोसा जताया था। उन्होंने कहा था कि विदेश से अनुमानित धन देश में भेजे जाने से चालू खाते के घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। विश्व बैंक ने भी कहा था कि चालू वर्ष में विदेश से करीब 100 अरब डॉलर भारत भेजे जाने का अनुमान है।
आरबीआई के जुलाई-सितंबर के आंकड़ों से पता चलता है कि निजी धन हस्तांतरण प्राप्तियां 27.4 अरब डॉलर रहीं जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 19.7 फीसदी अधिक है। निजी धन हस्तांतरण प्राप्तियों में मुख्य रूप से विदेश में रहने वाले भारतीय कर्मचारियों द्वारा भारत पैसा भेजा जाता है।
आरबीआई ने कहा कि शुरुआत में इसके तहत भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक देश से पैसे भेजने या प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेंगे। ऐक्सिस बैंक और डीबीएस सिंगापुर से भारत पैसा भेजने की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। सिंगापुर में उपयोगकर्ता डीबीएस-सिंगापुर और लिक्विड ग्रुप की सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। समय के साथ इसके साथ और बैंक जुड़ेंगे।
मोदी ने कहा, ‘आज से सिंगापुर और भारत के लोग अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर ठीक उसी तरह एक-दूसरे देशों में मनी ट्रांसफर कर सकेंगे, जैसा वे अपने देश के अंदर करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘UPI भारत में सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली है। यही वजह है कि कई विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि बहुत जल्द भारत का डिजिटल वॉलेट भुगतान नकद लेनदेन को पीछे छोड़ देगा।’