पेरू के साथ बातचीत के अगले दौर से पहले भारत ने उसे एक विमर्श पत्र सौंपा है, जिसमें भारत सरकार की मुख्य मांगें बताने वाला अनौपचारिक प्रस्ताव है। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि इस विमर्श पत्र में उन क्षेत्रों का जिक्र भी किया गया है, जिन्हें भारत महफूज रखना चाहता है। बातचीत का आठवां दौर जुलाई के अंत में पेरू में होगा।
मामले की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘विमर्श पत्र इसलिए साझा किया गया है ताकि दोनों देशों को स्पष्ट रूप से पता चल जाए कि वे चाहते क्या हैं। इससे सुनिश्चित होगा कि बातचीत बिना वजह लंबी न खिंचे।’ इसके बाद जल्द ही व्यापार करार के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं की सूची भी साझा की जाएगी।
भारत और पेरू के बीच व्यापार करार के लिए साल 2017 से बातचीत चल रही है और इसका पांचवां दौर अगस्त 2019 में संपन्न हुआ था। इसके बाद कोविड-19 महामारी के कारण बातचीत रुक गई थी, जो पिछले साल फरवरी में दोबारा शुरू हुई। लैटिन अमेरिका एवं कैरिबियन क्षेत्र में ब्राजील और चिली के बाद पेरू भारत का चौथा सबसे बड़ा निर्यात ठिकाना है। पेरू के साथ व्यापार करार पर जोर तब दिया जा रहा है, जब भारत निर्यात के अपने ठिकानों में विविधता लाने की कोशिश में है। यह लैटिन अमेरिकी देशों के साथ रणनीतिक और आर्थिक संबंध मजबूत करने की सरकार की रणनीति का भी हिस्सा है।
इससे पहले भारत ने चिली और मर्कोसर देशों (अर्जेंटीना, ब्राजील, उरुग्वे, पराग्वे और कोलंबिया) के साथ एक सीमित व्यापार करार किया था। चिली के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के लिए भारत ने पिछले महीने नई दिल्ली में पहले दौर की बातचीत की थी।
भारत और पेरू के बीच वित्त वर्ष 2024 में 5.9 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। पेरू को भारत से निर्यात होने वाली प्रमुख वस्तुओं में कार, सूती धागा और फार्मास्युटिकल्स शामिल हैं, जबकि वहां से भारत को मुख्य तौर पर सोना, तांबे के अयस्क और कंसंट्रेट का निर्यात किया जाता है। भारत ने 2024-25 में 1 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया था और 4.9 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया था।
दोनों देश अपने मौजूदा संबंधों को और मजबूत करते हुए दुर्लभ खनिजों और खनन जैसे नए क्षेत्रों में विस्तार करना चाहते हैं क्योंकि लैटिन अमेरिका को तांबा, सोना एवं चांदी का प्रमुख उत्पादक माना जाता है। भारतीय उद्योग परिसंघ की अप्रैल में कहा गया था कि नवंबर 2023 में पेरू में बड़ा लीथियम भंडार मिला था, जिससे यह देश वैश्विक लीथियम बाजार में प्रमुख खिलाड़ी बन गया है।