facebookmetapixel
बाजार डगमगाए, मगर निवेश मत रोकिए! फंड गुरुओं ने बताया पैसा बढ़ाने का असली राजNSE IPO का इंतजार जल्द खत्म! सेबी चीफ बोले – अब देर नहीं, लिस्टिंग की राह खुली1 लाख फेक अकाउंट बंद, NSE IPO आने को तैयार – सेबी चीफ ने बताया भारत का फाइनेंस फ्यूचरSEBI के नए नियम, अब बैंक निफ्टी में होंगे 14 शेयर; टॉप स्टॉक्स के वेटेज पर लिमिटApple India को ​सितंबर तिमाही में रिकॉर्ड रेवेन्यू, iPhone की दमदार बिक्री से मिला बूस्टIndia’s Biggest BFSI Event – 2025 | तीसरा दिन (हॉल- 2)Swiggy के शेयर में 34% तक उछाल की संभावना! Nomura और Motilal Oswal ने कहा – खरीद लोसोने के भाव फिसले, चांदी की कीमतों में भी गिरावट; चेक करें आज का भावIndia’s Biggest BFSI Event – 2025 | तीसरा दिन (हॉल – 1)एयर इंडिया ने ओनर्स से मांगी ₹10,000 करोड़ की मदद, अहमदाबाद हादसे और एयरस्पेस पाबंदियों से बढ़ा संकट

India crude imports: नवंबर में रूस से तेल आयात में बड़ी गिरावट, क्या है कारण?

नवंबर में भारत ने रूस से 13% कम तेल आयात किया जो अक्टूबर के मुकाबले घटकर 1.52 मिलियन बैरल प्रति दिन (bpd) रह गया।

Last Updated- December 23, 2024 | 5:20 PM IST
Crude Oil

भारत में नवंबर महीने में कच्चे तेल का आयात दिखाता है कि पश्चिम एशिया से आयात 9 महीने के हाई पर पहुंच गया है, जबकि रूस से आयात तीन तिमाहियों में सबसे कम हो गया। यह जानकारी शिप ट्रैकिंग डेटा के आधार पर सामने आई है। भारत के रिफाइनर सस्ते रूसी तेल की खरीद कर रहे थे, हालांकि इस पर प्रतिबंधों के कारण कुछ समस्याएं थीं जिनका उद्देश्य यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए रूस की तेल आय से होने वाली आय को कम करना है।

नवंबर में भारत ने रूस से 13% कम तेल आयात किया जो अक्टूबर के मुकाबले घटकर 1.52 मिलियन बैरल प्रति दिन (bpd) रह गया। यह भारत के कुल आयात का 32% हिस्सा है। वहीं, पश्चिम एशिया से भारत ने 2.28 मिलियन बैरल प्रति दिन तेल आयात किया जो अक्टूबर की तुलना में 10.8% अधिक है। यह भारत के कुल आयात का लगभग 48% है।

रूसी तेल की मांग में गिरावट क्यों?

कुछ रिफाइनरियों ने अपने प्लांट की मरम्मत के कारण रूसी तेल का आयात कम कर दिया और पश्चिम एशिया के उत्पादकों के साथ सालाना कॉन्ट्रैक्ट के तहत तय मात्रा में तेल खरीद जारी रखी। नवंबर में रूस के पश्चिमी बंदरगाहों से तेल निर्यात कम हुआ क्योंकि लोकल रिफाइनरियों ने मरम्मत कार्य के बाद तेल की मांग बढ़ा दी। इसके अलावा, पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) का सहयोगी रूस 2024 के अंत तक अपने तेल उत्पादन में अतिरिक्त कटौती करने का वादा कर चुका है ताकि पहले के अधिक उत्पादन की भरपाई की जा सके।

भारत का कुल तेल आयात

नवंबर में भारत ने कुल 4.7 मिलियन बैरल प्रति दिन तेल आयात किया, जो अक्टूबर की तुलना में 2.5% और पिछले साल की तुलना में 5% अधिक है। रूस नवंबर में भी भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना रहा, इसके बाद इराक और सऊदी अरब का स्थान रहा।

ओपेक का हिस्सा बढ़ा

पश्चिम एशिया से बढ़ी तेल खरीद के कारण भारत के कुल आयात में ओपेक का हिस्सा 8 महीने के हाई 53% पर पहुंच गया। वहीं, राष्ट्रमंडल स्वतंत्र राज्यों (CIS), जिसमें रूस, कजाकिस्तान और अजरबैजान शामिल हैं, का हिस्सा अक्टूबर में 40% से घटकर नवंबर में 35% रह गया। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published - December 23, 2024 | 5:20 PM IST

संबंधित पोस्ट