NSE IPO: मुंबई में हुए बिज़नेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट 2025 में सेबी (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा कि भारत का वित्तीय बाजार (financial market) अब ज्यादा मजबूत और भरोसेमंद हो रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशक (foreign investors) भारत पर बहुत भरोसा करते हैं। वे भारत की लंबे समय और छोटे समय की दोनों तरह की योजनाओं में दिलचस्पी ले रहे हैं।
पांडे ने कहा कि सेबी (SEBI) लगातार बाजार को साफ और भरोसेमंद बनाने पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि कंपनियों को अपने शेयरों का कम से कम 25% जनता के पास रखना जरूरी है, और इस नियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पांडे ने कहा, “हमारा मकसद है कि सारे नियम और प्रक्रियाएं सरल और समझने में आसान हों।” उन्होंने यह भी बताया कि हितों के टकराव (Conflict of Interest) पर बनी सेबी की समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी।”
सेबी प्रमुख ने कहा कि म्युचुअल फंड उद्योग भारत के पूंजी बाजार के विस्तार में अहम भूमिका निभाएगा। उनके मुताबिक, “यह मार्केट में प्रवेश का अच्छा जरिया है और लंबे समय के निवेश को बढ़ावा देता है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस बढ़ते सेक्टर को ज्यादा लचीलापन देने की जरूरत है।
सेबी प्रमुख ने कहा कि म्युचुअल फंड इंडस्ट्री भारत के पूंजी बाजार (capital market) को आगे बढ़ाने में बहुत अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने बताया कि म्युचुअल फंड लोगों के लिए मार्केट में निवेश करने का आसान तरीका है और यह लंबे समय के निवेश को बढ़ावा देता है। पांडे ने कहा कि इस तेजी से बढ़ते सेक्टर में थोड़ी और आजादी देने की जरूरत है ताकि ज्यादा लोग इसमें जुड़ सकें।
पांडे ने बताया कि सेबी (SEBI) उन लोगों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है जो लोगों को गलत निवेश की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 1 लाख से ज्यादा अकाउंट बंद किए जा चुके हैं, और 5,000 और बंद करने की तैयारी चल रही है। पांडे ने साफ कहा, “जो लोग निवेशकों को धोखा देंगे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि सेबी का नया ‘32वां चेक’ सिस्टम इंटरनेट पर होने वाले साइबर हमलों से बचाने में मदद करेगा।
पांडे ने कहा कि लंबे समय से इंतजार किया जा रहा NSE IPO अब जल्द लॉन्च होगा। उन्होंने माना कि सेबी (SEBI) को डिजिटल सिस्टम अपनाने में थोड़ी देर लगी, लेकिन अब संस्था पूरी तरह डिजिटल तरीके से काम कर रही है।
पांडे ने कहा, “भारत की तरक्की उसकी मजबूत वित्तीय व्यवस्था पर निर्भर है। बैंकिंग, शेयर मार्केट, बीमा और पेंशन – ये चारों हमारे देश की आर्थिक नींव हैं।” उन्होंने बताया कि कैपिटल मार्केट (शेयर बाजार) में निवेशक 2019 के 4 करोड़ से बढ़कर अब 13.5 करोड़ हो गए हैं। साथ ही मार्केट की कुल कीमत (मार्केट कैपिटलाइजेशन) भी 2016 में जीडीपी के 69% से बढ़कर अब 129% तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी टेक्नोलॉजी, लोगों की बढ़ती वित्तीय समझ और लगातार हो रहे सुधारों की वजह से हुई है।
पांडे ने कहा कि आगे चलकर सेबी (SEBI) का ध्यान नई तकनीक (Innovation) और जवाबदेही (Responsibility) के बीच संतुलन बनाए रखने पर रहेगा। उन्होंने बताया कि सेबी अब AI का जिम्मेदारी से इस्तेमाल, साइबर सुरक्षा को और मजबूत बनाना, और भविष्य की तकनीक यानी क्वांटम टेक्नोलॉजी के लिए तैयारी पर काम करेगा। पांडे ने कहा, “हमारा मकसद ऐसा वित्तीय सिस्टम बनाना है जो मजबूत भी हो, लचीला भी, नया सोचने वाला भी और जिम्मेदार भी।”
