Air India Funding: अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में 240 से अधिक लोगों की मौत के महीनों बाद एयर इंडिया (Air India) ने अपने मालिकों टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइंस से लगभग $1.1 बिलियन (₹10,000 करोड़) की आर्थिक मदद मांगी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह फंडिंग कंपनी अपने सिस्टम्स और सर्विसेज को अपग्रेड करने और इन-हाउस इंजीनियरिंग और मेंटेनेंस डिवीजन बनाने के लिए चाहती है।
एयर इंडिया का मार्च 2026 तक ब्रेक-ईवन (लाभ-हानि संतुलन) तक पहुंचने का लक्ष्य अब मुश्किल लग रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि एयर इंडिया की यह मदद की मांग भारतीय एविएशन मार्केट की दिक्कतों को दर्शाती है, जहां कई एयरलाइंस लगातार घाटे के कारण बंद हो चुकी हैं। मौजूदा समय इंडिगो (InterGlobe Aviation) ही एकमात्र घरेलू मुनाफे में चल रही एयरलाइन है, जिसके पास 64% मार्केट शेयर है।
एयर इंडिया में टाटा समूह की 74.9% हिस्सेदारी है, जबकि सिंगापुर एयरलाइंस की 25.1% हिस्सेदारी है। कंपनी को मिलने वाली आर्थिक मदद दोनों के ओवनरशिप रेश्यो के आधार पर दी जाएगी। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि फंडिंग इंटरेस्ट फ्री लोन के रूप में दी जाएगी या इक्विटी निवेश के रूप में।
एयर इंडिया की मुश्किलें मई में शुरू हुईं जब भारत-पाकिस्तान सैन्य टकराव के बाद पाकिस्तान ने एयरस्पेस पर प्रतिबंध लगा दिया। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में किए गए थे। इसके बाद एयर इंडिया को अपने पश्चिम की ओर लंबी फ्लाइट रूट्स पर उड़ान भरनी पड़ीं, जिससे फ्यूल लागत और ऑपरेटिंग खर्च दोनों बढ़ गए।
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट टेकऑफ के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गई थी, जिसमें सभी यात्रियों में से केवल एक ही जीवित बचा। इसके बाद डीजीसीए (DGCA) ने एयर इंडिया की सुरक्षा प्रणाली की व्यापक ऑडिट का आदेश दिया। जून से अगस्त के बीच एयर इंडिया ने अपने वाइड-बॉडी इंटरनेशनल रूट्स में 15% कटौती की, जिससे उसकी आमदनी में और गिरावट आई।
एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने इस हफ्ते कहा कि भले ही अनिश्चितताएं हैं, लेकिन हम अपने लक्ष्य से नहीं हटेंगे। पाकिस्तान एयरस्पेस प्रतिबंधों के चलते हमें लगभग ₹4,000 करोड़ का नुकसान होने की संभावना है।
