भारत ने पिछले 12 महीनों में 4जी से 5जी स्मार्टफोन शिपमेंट में चीन के साथ अंतर काफी कम कर लिया है और उसके करीब गया है। भारत के कुल स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी फोन की हिस्सेदारी से बढ़ रही है और बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के 57 फीसदी से बढ़कर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 83.4 फीसदी हो गई है। इस दौरान चीन की 5जी फोन शिपमेंट 89.5 फीसदी से बढ़कर 95.6 फीसदी हो गई।
मगर इस दौरान चीन ने तिमाही आधार पर इसमें कोई खास बढ़ोतरी दर्ज नहीं की है। भारत के विपरीत चीन की 5जी फोन की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के 93.2 फीसदी से घटकर चौथी तिमाही में 89.8 फीसदी रह गई थी।
भारत में वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में सभी स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी फोन की हिस्सेदारी 77 फीसदी थी यानी एक तिमाही पहले के मुकाबले दूसरी तिमाही में इसमें करीब 7 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 5जी स्मार्टफोन शिपमेंट 3.84 करोड़ पहुंच गई जो किसी भी तिमाही में सर्वाधिक स्तर है। यह एक तिमाही पहले के मुकाबले 43 फीसदी और एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 53 फीसदी की वृद्धि दर्शाती है।
सीएलएसए का अनुमान है कि देश में पहले से ही 25 करोड़ 5जी स्मार्टफोन हैं। रिलायंस जियो और भारती एयरटेल ने इस बढ़ते ग्राहक आधार में अपनी पैठ बढ़ाने और प्रति उपयोगकर्ता अपने राजस्व में सुधार के लिए खुद को अच्छी तरीके से तैयार किया है। इसी तरह, भारत का स्मार्टफोन आधार, जो वित्त वर्ष 2024 में 60 करोड़ था उसके वित्त वर्ष 2025 में 69.5 करोड़ और वित्त वर्ष 2026-27 तक 91.5 करोड़ होने की उम्मीद है और यह बाजार के काफी बड़े हिस्से को कवर करेगा। इस बीच, 2जी ग्राहकों की संख्या में और अधिक गिरावट आने के आसार हैं।
इसके विपरीत, निचले स्तर के स्मार्टफोन और 4जी फीचर फोन की बिक्री में भी गिरावट आई है। सीएलएसए का अनुमान है कि जियो भारत 4जी फोन की शिपमेंट अपने उच्चतम स्तर 2.1 करोड़ से कम होकर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 33 लाख रह गई है। वहीं, 4जी शिपमेंट में भी गिरावट दर्ज की गई है और यह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 79 लाख से कम होकर दूसरी तिमाही में 77 लाख रह गई।