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अ​धिक प्रीमियम पर जुटाई गई रकम जांच के दायरे में, इनकम टैक्स ने भेजा नोटिस

नोटिस में विभाग ने अ​धिक मूल्यांकन पर जारी किए गए शेयरों पर मांगा स्पष्टीकरण

Last Updated- April 18, 2023 | 9:37 PM IST
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भारतीय स्टार्टअप द्वारा कर निर्धारण वर्ष 2019 और 2021 के बीच अत्य​धिक प्रीमियम पर घरेलू निवेशकों से जुटाई गई रकम आयकर विभाग (Income Tax) की जांच के दायरे में आ गई है।

इस मामले से अवगत दो लोगों ने कहा कि कर विभाग ने एक हालिया नोटिस में बड़ी तादाद में स्टार्टअप से कहा है कि वे घरेलू निवेशकों को अ​धिक मूल्यांकन पर जारी किए गए शेयरों को ऐंजल कर के प्रावधानों के तहत स्पष्टीकरण दें। जिन स्टार्टअप को नोटिस जारी किए गए हैं उनमें वित्तीय तकनीक (फिनटेक) और ​शिक्षा तकनीक (एडटेक) क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनियां भी शामिल हैं।

किसी गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनी द्वारा किसी विदेशी अथवा घरेलू निवेशक को शेयरों की बिक्री से प्राप्त अतिरिक्त प्रीमियम को अन्य स्रोतों से होने वाली आय की श्रेणी में रखा जाता है। इसलिए वह रकम ऐंजल कर के दायरे में आती है। नोटिस में कहा गया है, ‘हमें मूल्यांकन को बाजार दरों से अधिक क्यों नहीं मानना चाहिए। साथ ही उस पर आयकर अ​धिनियम की धारा 56(2)(7)(बी) (ऐंजल कर) के तहत कर क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।’

इस मामले के एक करीबी कर अ​धिकारी ने कहा कि ये नोटिस मामलों के चयन के दौरान जोखिम के आकलन और विश्लेषण के बाद आयकर विभाग के इनसाइट पोर्टल से प्राप्त जानकारी पर आधारित हैं। ये नोटिस मार्च के दूसरे पखवाड़े और अप्रैल के पहले सप्ताह के बीच जारी किए गए थे। हालांकि अ​धिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सरकार में पंजीकृत स्टार्टअप को ऐंजल कर से छूट दी गई है। गौरतलब है कि डीपीआईआईटी में पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या करीब 95,000 है।

विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार द्वारा स्टार्टअप को ऐंजल कर से दी गई छूट कुछ हजार स्टार्टअप पर ही लागू होती है और यह सभी पंजीकृत स्टार्टअप पर एकसमान तरीके से लागू नहीं है। छूट के दावे के लिए लगाई गई शर्तें काफी सख्त हैं।

पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर भविन शाह ने कहा, ‘स्टार्टअप का मूल्यांकन काफी हद तक निवेशक के उत्साह और कारोबारी आइडिया के विस्तार की रफ्तार पर निर्भर करता है। ऐसे में किसी मूल्यांकनकर्ता के लिए निवेशक की इच्छा के बिल्कुल अनुरूप मूल्यांकन करना कठिन होता है। यदि मूल्यांकन कम किया गया तो वह फेमा दिशानिर्देशों का उल्लंघन होगा और यदि अ​धिक किया गया तो वह ऐंजल कर के दायरे में होगा। दोनों ही सूरत में नतीजा स्वीकार करने लायक नहीं होगा।’

Also Read: स्टार्टअप में नरमी से IPO पर सेबी सख्त, शेयरों में गिरावट से निवेशकों को लगी है भारी चपत

शाह ने कहा कि सरकार कई मोर्चों पर स्टार्टअप की मदद कर रही है लेकिन यह एक ऐसा गंभीर मामला है जहां सरकार को तत्काल दखल देने की जरूरत है। वित्त विधेयक 2023 में सरकार ने ऐंजल कर प्रावधान के अंतर्गत निवास की शर्तों को हटाने और गैर-निवासी निवेशकों को शेयर जारी करने पर इसे लागू करने का प्रस्ताव किया था। पहले केवल निवासी निवेशक ही ऐंजल कर प्रावधान के दायरे में आते थे।

चोकसी ऐंड चोकसी इंडिया के मितुल चोकसी ने कहा कि भारतीय कंपनियों में निवेश करने वाले प्रत्येक निवासी को अपने शेयर निर्गम के मूल्य को मूल्यांकन के स्वीकार्य तरीकों के अनुरूप उचित ठहराने की जरूरत होगी, विशेष रूप से स्टार्टअप के लिए जहां इनका निवेश काफी ज्यादा है या ये ऐंजल निवेशक हैं। उचित मूल्य से अधिक कीमत पर कंपनियों को शेयर जारी करने के संबंध में वर्तमान में कई मुकदमे चल रहे हैं।

First Published - April 18, 2023 | 9:37 PM IST

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