उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अधिकारियों ने बुधवार को देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधारों पर विभिन्न हितधारकों जैसे निजी इक्विटी, वेंचर कैपिटल और पेंशन फंड से जुड़े लोगों के साथ विचार विमर्श किया। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब उद्योग विभाग ने अगले 5 साल के दौरान औसतन सालाना 100 अरब डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य बनाया है। पिछले 5 साल के दौरान औसत सालाना एफडीआई 70 अरब डॉलर रहा है। पिछले कुछ वर्षों से एफडीआई कम हो रहा है।
इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि आज मुख्य रूप से एफडीआई सुधारों के लिए सुझाव लेने पर ध्यान था, खासकर इसलिए कि एफडीआई की आवक पिछले कुछ साल से कम हो रही है।
प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर फरवरी की शुरुआत से बातचीत फिर से शुरू करने के लिए भारत और ब्रिटेन एक सुविधाजनक तिथि पर विचार कर रहे हैं। वाणिज्य विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। प्रस्तावित एफटीए पर बातचीत जनवरी 2022 में शुरू हुई थी। जहां तक भारत और आसियान एफटीए की समीक्षा का मसला है, अगले दौर की बैठक 10 फरवरी से इंडोनेशिया में होनी है। अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि बातचीत में प्रगति हुई है, लेकिन वस्तुओं को लेकर कुछ मसले बने हुए हैं।
इंडिया यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन (ईएईयू) एफटीए के बारे में वाणिज्य विभाग ने कहा कि समझौते की शर्तें तय किए जाने को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन (ईईयू) में आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और रूस शामिल हैं।
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने आज कहा कि सरकार आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से डेटा एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म विकसित करने पर काम कर रही है। इसका मकसद व्यापार से जुड़े आंकड़ों की बेहतर जानकारी हासिल करना है। बड़थ्वाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘वृद्धि में निरंतरता है या नहीं, निर्यात में लचीलापन है, या नहीं। इस तरह की जानकारियां अब सामने आ रही हैं। इसे देखते हुए हम काम कर रहे हैं। एक ऐसा प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा, जो हमें बेहतर डेटा एनालिटिक्स देगा।’
अधिकारियों ने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है। यह समिति आंकड़ों में गणना संबंधी त्रुटियों के आधार पर सुसंगत और सटीक डेटा प्रकाशित करने के लिए एक तंत्र बनाने का काम करेगी। हाल में सोने के आयात आंकड़ों में त्रुटि पाए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।