अनावश्यक आयात पर अंकुश लगाने के सरकार के प्रयास से फरवरी में देश का आयात घटकर 18 महीने के निम्नतम स्तर पर चला गया। आयात में लगातार तीसरे महीने गिरावट आई है। वैश्विक मांग में नरमी के कारण निर्यात में भी पिछले पांच महीने में तीसरी बार गिरावट आई है।
वाणिज्य विभाग द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में देश से वस्तुओं का निर्यात 8.8 फीसदी घटकर 33.9 अरब डॉलर रहा और आयात 8.2 फीसदी गिरकर 51.31 अरब डॉलर रहा। इस दौरान व्यापार घाटा 17.43 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कहा कि सरकार फरवरी में आयात घटाने में कामयाब रही। उन्होंने कहा, ‘यह आसान नहीं था। गैर-जरूरी आयात घटाने की रणनीति को कारगर बनाने के लिए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने विभिन्न मंत्रालयों के साथ कई बैठकें कीं। इन कदमों का लाभ मिला है।’
बड़थ्वाल ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने विभिन्न मंत्रालयों से आयात के आंकड़ों का विश्लेषण करने तथा गैर-जरूरी आयात को हतोत्साहित करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी चीज का देश में पर्याप्त उत्पादन होता है मगर उसका आयात किया जा रहा है तो हम लोगों को उसकी जगह देश में बने उत्पादों के इस्तेमाल के प्रति जागरूक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि हम किसी खास वस्तु पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।’
केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि व्यापार घाटे में कमी अच्छी बात है। इसकी मुख्य वजह जिंसों के दाम कम रहना है, जिसके कारण आयात का मूल्य भी कम रहा।
उन्होंने कहा, ‘आने वाले महीनों में घरेलू मांग की नब्ज भांपने के लिए आयात का प्रदर्शन अहम होगा। वैश्विक अनिश्चितता के बीच आगे भी निर्यात में नरमी बनी रह सकती है।’
आयात किए जाने वाले 30 प्रमुख उत्पादों में से 16 में कमी आई है। सोने का आयात फरवरी में 22.9 फीसदी घटा है, जबकि उवर्रक में 59.3 फीसदी और कच्चे तेल के आयात में 4.27 फीसदी की कमी आई है। वनस्पति तेल, रसायन, मोती, मशीनरी तथा इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के आयात में भी गिरावट आई है। मगर कोयला, प्लास्टिक वस्तुओं लोहे एवं इस्पात तथा परिवहन उपकरणों का आयात बढ़ा है।
इसी तरह 30 में से 16 क्षेत्रों के निर्यात में कमी आई है। रसायन निर्यात में 12.34 फीसदी, इंजीनियरिंग वस्तुओं में 9.68 फीसदी, सिले-सिलाए परिधान में 12.1 फीसदी और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में 28.8 फीसदी की गिरावट आई है। मगर इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं तथा रत्न एवं आभूषण, चावल, दवा आदि का निर्यात बढ़ा है। पेट्रोलियम तथा रत्न एवं आभूषण को छोड़कर अन्य वस्तुओं का निर्यात फरवरी में 6.4 फीसदी घटा है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से फरवरी के दौरान निर्यात 7.6 फीसदी बढ़कर 405.9 अरब डॉलर रहा और आयात 18.8 फीसदी बढ़कर 653.5 अरब डॉलर रहा। इसकी वजह से इस दौरान व्यापार घाटा 247.5 अरब डॉलर रहा।
भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद के चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि अमेरिका में दो बैंक डूबने और कुछ यूरोपीय बाजारों में ऋणात्मक वृद्धि से बाजार पर असर पड़ा है तथा 2023 में मांग और कम हो सकती है। मगर उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय बढ़ने से घरेलू मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे निर्यात में कमी की कुछ भरपाई हो सकती है।
बड़थ्वाल ने कहा कि अगले वित्त वर्ष के लिए निर्यात लक्ष्य तय करने का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि नई विदेश व्यापार नीति इस महीने के अंत तक जारी की जाएगी। पिछले 6 महीनों के दौरान हमने नई विदेश व्यापार नीति बनाने पर काम किया है।