IMF GDP Forecast: आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए खुशखबरी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मंगलवार को घरेलू मांग में तेजी और वर्कफोर्स की बढ़ती आबादी का हवाला देते हुए भारत के ग्रोथ रेट अनुमान को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया। जबकि जनवरी में 6.5 प्रतिशत का अनुमान लगाया था। इसके साथ, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है, जो इसी अवधि के दौरान चीन के 4.6 प्रतिशत के विकास अनुमान से आगे है। हालांकि यह RBI के अनुमान से कम है। केंद्रीय बैंक ने FY24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 7 प्रतिशत जताया है।
IMF ने ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ के नवीनतम संस्करण में कहा, “भारत में वृद्धि दर वर्ष 2024 में 6.8 प्रतिशत और 2025 में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। घरेलू मांग में निरंतर मजबूती और वर्कफोर्स की बढ़ती आबादी से इस तेजी को बल मिलता है।” IMF ने यह रिपोर्ट आईएमएफ और विश्व बैंक (World Bank) की सालाना बसंत बैठकों से पहले जारी की है।
IMF Growth Forecast: 2024
?? US: 2.7%
?? Germany: 0.2%
?? France: 0.7%
?? Italy: 0.7%
?? Spain: 1.9%
?? UK: 0.5%
?? Japan: 0.9%
?? China: 4.6%
?? India: 6.8%
?? Russia: 3.2%
?? Brazil: 2.2%
?? Mexico: 2.4%
?? KSA: 2.6%
?? Nigeria: 3.3%
?? S. Africa: 0.9%https://t.co/tPL4fgygu4 pic.twitter.com/Y99bDg17oJ— IMF (@IMFNews) April 16, 2024
रिपोर्ट के मुताबिक, उभरते और विकासशील एशिया में वृद्धि दर पिछले साल के अनुमानित 5.6 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2024 में 5.2 प्रतिशत और 2025 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह अनुमान जनवरी में जताए गए पिछले अनुमान की तुलना में थोड़ा बेहतर है।
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RBI ने FY25 की अपनी पहली MPC बैठक के बाद FY24 के लिए देश के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने मजबूत घरेलू मांग तथा विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता इस्तेमाल बढ़ने के बीच वृद्धि दर के अनुमान में बढ़ोतरी की है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
IMF ने अपनी जनवरी रिपोर्ट में 2024 के लिए भारत की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। इसके साथ ही मुद्राकोष ने चीन में वृद्धि दर 2023 के 5.2 प्रतिशत की तुलना में सुस्त पड़कर इस साल 4.6 प्रतिशत और 2025 में 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। इस सुस्ती के लिए महामारी के बाद खपत बढ़ने और राजकोषीय प्रोत्साहन जैसे कारकों का असर कम होने और रियल एस्टेट में सुस्ती को जिम्मेदार बताया है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक वृद्धि वर्ष 2024 और 2025 में भी पुरानी रफ्तार से जारी रहने का अनुमान है। वर्ष 2023 में अनुमानित वैश्विक वृद्धि 3.2 प्रतिशत रही है।
IMF के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गॉरींशेस ने कहा, “निराशाजनक अनुमानों के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था सशक्त बनी हुई है। स्थिर वृद्धि और मुद्रास्फीति लगभग उतनी ही तेजी से धीमी हो रही है, जितनी तेजी से बढ़ी थी।” गॉरींशेस ने कहा, “अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले ही अपने महामारी-पूर्व रुझान से आगे निकल चुकी है। लेकिन अब हमारा आकलन है कि कम आय वाले विकासशील देशों को अधिक नुकसान होगा क्योंकि इनमें से कई देश अब भी महामारी और जीवनयापन की लागत के संकट से उबरने की जद्दोजहद में लगे हैं।”
(भाषा के इनपुट के साथ)