केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 2024-25 में 2.23 लाख करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी का पता लगाया है। गुरुवार को यहां आयोजित सीबीआईसी सम्मेलन में साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों से यह पता चला। बैठक की अध्यक्षता कर रहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीमा शुल्क और सीजीएसटी मामलों की जांच तेजी से पूरी करने, कर चोरी पर सख्त कार्रवाई करने और जीएसटी पंजीकरण एवं शिकायत निवारण में समयबद्ध सुधार करने का निर्देश दिया।
वित्त वर्ष 2023 में जीएसटी देने वाले करीब 62.21 फीसदी को ऑडिट किया गया और वित्त वर्ष 2025 में आंकड़ा बढ़कर 88.74 फीसदी हो गया। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी करदाता को तीन साल में एक से ज्यादा बार ऑडिट नहीं किया गया है। रिफंड में सुधार की जानकारी देते हुए बताया गया कि 85 फीसदी दावों को 60 दिन की तय मियाद में निपटा दिया गया। 2024-25 के दौरान जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल करने का राष्ट्रीय औसत 94.3 फीसदी रहा।
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इस दौरान बताया गया कि शिकायत निवारण में भी सुधार देखा गया है और औसत निपटान समय निर्धारित 21 दिन से घटकर नौ दिन रह गया है। विज्ञप्ति में कहा गया, ‘केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली पर 95 से 97 फीसदी अपीलें 30 दिन के भीतर निपटाई जा रही हैं, जो शानदार प्रदर्शन है। इस प्रदर्शन ने पिछले साल फरवरी से इस प्रणाली पर रैंकिंग में सीबीआईसी को 90 केंद्रीय मंत्रालयों में शीर्ष पांच स्थान पर पहुंचाया है।’
सीतारमण ने विभाग से करदाताओं और व्यापार निकायों के बीच खास तौर पर जीएसटी पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेजों के बारे में जागरुकता अभियान बढ़ाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य व्यवसाय स्थान के प्रमाण के मुद्दों के कारण अक्सर अस्वीकृति होती है। उन्होंने पंजीकरण आवेदनों में सहायता के लिए सीजीएसटी क्षेत्रों के भीतर समर्पित हेल्पडेस्क बनाने का निर्देश दिया।