वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वस्तु एवं सेवा कर अपील पंचाट (जीएसटीएटी) की शुरुआत करते हुए कहा कि यह पहला मौका है जब केंद्र और राज्य जीएसटी अधिकारियों से संबंधित अपील एक ही मंच पर की जा सकेंगी।
जीएसटीएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा के अनुसार पंचाट को शुरुआती दौर में 4.8 लाख लंबित अपील का निपटारा करना होगा, जिसमें केंद्र और राज्य आयुक्तों द्वारा पारित पहले के आदेशों को चुनौती दी गई है। सीतारमण ने जीएसटीएटी को करदाताओं के लिए ‘वन-स्टॉप समाधान’ बताया और कहा कि यह मंच निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से विवाद का समाधान सुनिश्चित करेगा।
पंचाट का प्रधान पीठ नई दिल्ली में होगा और 45 स्थानों पर 31 राज्य पीठ होंगे, जिसमें केंद्र और राज्यों का समान प्रतिनिधित्व होगा। अप्रैल 2026 से प्रधान पीठ अग्रिम निर्णय के लिए राष्ट्रीय अपील प्राधिकरण के रूप में भी कार्य करेगा। जीएसटी 2017 में एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार के रूप में शुरू हुआ था, अब उसमें एक और चीज जुड़ गई है- एक राष्ट्र, निष्पक्षता और निश्चितता का एक मंच।