सरकार ने हाल ही में GST दरों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में मांग बढ़ने की उम्मीद है। कोविड महामारी के बाद छोटे खरीदार महंगी कारों और बाइक की कीमतों के कारण खरीदारी से दूर थे। नए रेट्स से यह स्थिति बदल सकती है। छोटी कारों (4 मीटर से छोटी, पेट्रोल इंजन ≤1200cc और डीजल इंजन ≤1500cc) पर अब 18% GST लगेगा। पहले इन पर कुल 29–31% टैक्स लगता था। एक्स-शोरूम कीमतों में लगभग 12–13% तक गिरावट आने की संभावना है।
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SIAM के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि यह कदम उपभोक्ताओं और ऑटो सेक्टर दोनों के लिए लाभदायक है। छोटे खरीदार और मध्यम आय वाले परिवार अब आसानी से गाड़ी खरीद पाएंगे। उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5% GST जारी रखने की भी सराहना की। EY इंडिया के सौरभ अग्रवाल ने इसे ‘महत्वपूर्ण और स्वागतयोग्य कदम’ बताया। उनका कहना है कि इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और पुराने टैक्स विवादों को भी कम किया जा सकेगा।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के राजेश जेजुरिकर ने इसे ‘लैंडमार्क’ कदम कहा। उनका कहना है कि इससे ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी किसानों के लिए किफायती होगी, कमर्शियल वाहनों की लागत घटेगी और SUVs की पहुंच बढ़ेगी। CEAT के आर्नब बनर्जी ने कहा कि टायर इंडस्ट्री को भी सीधा लाभ मिलेगा। नए टायरों पर GST 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जबकि ट्रैक्टर टायर पर 5% GST रहेगा। महिंद्रा ग्रुप के अनीश शाह ने कहा कि दो-रेट स्ट्रक्चर से टैक्स सिस्टम सरल होगा, जरूरत की चीजों पर फोकस रहेगा, और उद्योग निवेश में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि नए रेट्स और कम्पनसेशन सेस हटने से ऑटो और संबद्ध सेक्टर में मांग बढ़ेगी। ऑटोमेकर्स अगले कुछ क्वार्टर में मजबूत बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं।