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अर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमी

अर्थशास्त्रियों ने अनुमान जताया कि जीएसटी कटौती से महंगाई 60-80 आधार अंक घटेगी और आरबीआई के पास ब्याज दरों में कटौती का अवसर बनेगा

Last Updated- September 05, 2025 | 10:46 PM IST
RBI
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में कटौती से कीमतों का दबाव कम होने की उम्मीद है, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश बन सकती है। अर्थशास्त्रियों ने यह संभावना जताई। उन्होंने कहा कि अगर कर कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को दिया जाता है तो समग्र खुदरा मुद्रास्फीति 12 महीनों के दौरान 60 से 80 आधार अंक तक घट सकती है।

अगस्त में मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान केंद्रीय बैंक ने कहा था कि वित्त वर्ष 2026 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान औसत मुद्रास्फीति 4.4 फीसदी रहने जबकि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसके 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है। जनवरी से मुद्रास्फीति बढ़ने का अनुमान है इसलिए दर में कटौती की सीमिति गुंजाइश मानी गई।

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक में इकनॉमिक्स रिसर्च में भारत प्रमुख अनुभुति सहाय ने कहा, ‘जीएसटी कटौती का ज्यादा लाभ कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स को होगा और खुदरा मुद्रास्फीति में इसका भार ज्यादा है इसलिए समग्र मुद्रास्फीति में साल भर के दौरान 60 से 65 आधार अंक की गिरावट आ सकती है।’ आरबीआई ने 2025-26 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 3.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। 

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केंद्रीय बैंक की छह सदस्य वाली मौ​द्रिक नीति समिति ने फरवरी से रीपो दर में 100 आधार अंक की कटौती की है। दर में कटौती इस बात पर भी निर्भर करेगी कि केंद्रीय बैंक अमेरिकी द्वारा लगाए गए 50 फीसदी शुल्क के बाद वृद्धि दर का आकलन कैसे करता है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। 

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेनगुप्ता ने कहा, ‘मुद्रास्फीति के नजरिये से कटौती की गुंजाइश है। आरबीआई को यह तय करने की जरूरत है कि वे वृद्धि को कैसे देखते हैं।’ उनका अनुमान है कि जीएसटी कटौती से मुद्रास्फीति में 60 से 80 आधार अंक की कमी आ सकती है। उन्होंने वित्त वर्ष 2026 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अपने पहले के 2.7 फीसदी अनुमान को संशो​धित कर 2.4 फीसदी कर दिया है। 

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 फीसदी रही जो आरबीआई के 6.5 फीसदी के अनुमान से काफी ज्यादा रही। सेनगुप्ता ने कहा कि जीएसटी कटौती से अगले 12 महीनों में जीडीपी वृद्धि में लगभग 0.6 फीसदी का इजाफा हो सकता है। 

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मौद्रिक नीति की बैठक के ब्योरे में आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि तटस्थ रुख बनाए रखने से मौ​द्रिक नीति को घरेलू और वै​श्विक आर्थिक हालात में वृद्धि के लिए आवश्यक लचीलापन मिलेगा। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर को निर्धारित है।

First Published - September 5, 2025 | 10:46 PM IST

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