AI की बड़ी कंपनियां OpenAI, Perplexity और Anthropic अब भारत में अपने ऑपरेशन्स को विस्तार देने की तैयारी में हैं। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनियां भारत में इंजीनियर, रिसर्चर, प्रोडक्ट स्पेशलिस्ट और सेल्स प्रोफेशनल्स जैसे लोगों को भर्ती करने की योजना बना रही हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों की शुरुआती नियुक्तियां भारतीय टेक स्टार्टअप्स और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) से की जाएंगी। ज़्यादातर नई नौकरियां बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े शहरों में होंगी। भारत के कुछ एआई स्टार्टअप फाउंडर्स ने बताया कि वे IITs, NITs और बड़ी प्रोडक्ट कंपनियों से भी टैलेंटेड उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं।
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शुरुआत में इन एआई कंपनियों का ध्यान सेल्स, बिजनेस डेवलपमेंट और पार्टनरशिप से जुड़े पदों पर रहेगा। इसके बाद वे प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग से जुड़े कामों के लिए भी भर्तियां करेंगी। OpenAI पहले सीनियर सेल्स और क्लाइंट-फेसिंग रोल के लिए लोगों को रखेगी, फिर तकनीकी और रिसर्च पदों पर भर्ती करेगी। Perplexity शुरुआत में बिजनेस डेवलपमेंट और पार्टनरशिप पर ध्यान देगी, जबकि आगे चलकर इंजीनियरिंग टीम जोड़ेगी। Anthropic देश में कंट्री हेड और सेल्स टीम की नियुक्ति करेगी, और बाद में एप्लाइड एआई और तकनीकी टीम जोड़ेगी।
फिलहाल भारत में ज्यादातर एआई पेशेवर सर्विस रोल्स में काम कर रहे हैं। एडवांस स्तर के एआई इंजीनियरों की संख्या बहुत कम है, और कई विशेषज्ञ विदेशों में काम कर रहे हैं। TeamLease Digital की सीईओ नीति शर्मा का कहना है कि सीनियर तकनीकी टैलेंट की संख्या सीमित है और एआई से जुड़ी स्किल्स अभी नई हैं। उनका मानना है कि Nvidia जैसी कुछ कंपनियां तो प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों से सीधे भर्ती करती हैं, लेकिन ज़्यादातर एआई कंपनियों को अपने कर्मचारियों को स्वयं ट्रेन करके तैयार करना होगा।
भारत में इन कंपनियों के दफ्तर खोलने की योजना भी बन चुकी है। OpenAI अपना पहला ऑफिस 2025 के अंत तक नई दिल्ली में खोलेगी, जबकि Anthropic 2026 की शुरुआत में बेंगलुरु में अपना पहला दफ्तर शुरू करने की तैयारी में है।
इन योजनाओं से यह साफ है कि आने वाले वर्षों में भारत वैश्विक एआई उद्योग का एक बड़ा केंद्र बन सकता है। दुनिया की लीडिंग टेक कंपनियां अब भारत की तकनीकी क्षमता और युवा प्रतिभा को पहचान रही हैं। भारत के इंजीनियर और रिसर्चर आने वाले समय में एआई की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।