वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अक्टूबर में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। जीएसटी चोरी रोकने के सख्त उपाय और त्योहार के दौर में उपभोक्ताओं के अधिक खरीदारी करने के कारण जीएसटी संग्रह बढ़ा है।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जीएसटी के आंकड़े जारी किए। मंत्रालय ने बताया कि इस वर्ष अप्रैल के बाद दूसरी बार सबसे अधिक जीएसटी संग्रह अक्टूबर में हुआ। अप्रैल में सबसे अधिक जीएसटी संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये हुआ था। यह सितंबर में 1.63 लाख करोड़ रुपये रह गया था।
मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.66 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह पिछले साल की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। यह लगातार आठवां महीना है जब जीएसटी संग्रह 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। अक्टूबर के दौरान घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात सहित) बीते साल के इस महीने की तुलना में 13 फीसदी अधिक रहा।
डेलाइट इंडिया के पार्टनर एमएस मणि ने कहा, ‘बीते कुछ महीनों के दौरान जीएसटी संग्रह महत्त्वपूर्ण रूप से मजबूत हुआ है। यह केवल मजबूत आर्थिक कारकों के कारण ही नहीं बढ़ा है बल्कि कर अधिकारियों के कर चोरी रोकने के उपायों पर अंकुश लगाने से हुआ है। कर अधिकारियों ने छोटे भुगतान के आंकड़ों का विभिन्न तरीकों से विश्लेषण किया है।’
अक्टूबर, 2023 में कुल जीएसटी राजस्व 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा। इसमें केंद्रीय जीएसटी 30,062 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 38,171 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (माल आयात पर एकत्र 42,127 करोड़ रुपये सहित) 91,315 करोड़ रुपये और उपकर 12,456 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर एकत्र 1,294 करोड़ रुपये सहित) हैं।
सरकार ने आईजीएसटी में सीजीएसटी के 42,873 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के 36,614 करोड़ रुपये का निपटान किया है। नियमित निपटान के बाद अक्टूबर में केंद्र और राज्यों का कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 72,934 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 74,785 करोड़ रुपये है।
केपीएमजी में अप्रत्यक्ष कर के प्रमुख व साझेदार अभिषेक जैन ने कहा, ‘वित्त वर्ष 17-18 के निपटान की सामान्य अवधि 30 सितंबर को समाप्त हुई थी जो जीएसटी संग्रह को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभा सकती है। वित्त वर्ष के मध्यम में ऐसा बढ़ा हुआ संग्रह होना निश्चित रूप से उत्साहजनक है और त्योहार के मौसम में जारी खपत से जीएसटी संग्रह बढ़ सकता है।’
विशेषज्ञों ने रुझानों के हवाले से अनुमान जताया है कि त्योहारी मौसम में जीएसटी संग्रह बढ़ने का दौर जारी रह सकता है। ईवाईके टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल के अनुसार, ‘इस महीने में जीएसटी संग्रह बढ़ना भारत की मजबूत होती अर्थव्यवस्था को प्रदर्शित कर सकता है।’
देश के राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में जम्मू एवं कश्मीर, मिजोरम, लद्दाख, लक्षद्वीप, मेघालय, सिक्किम आदि में उपभोग और कर का आधार बढ़ा है। इस महीने के दौरान राज्यों में 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई। महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में क्रमश 14 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 9 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई।