ई-कॉमर्स को सुव्यवस्थित करने और देश में जीएसटी कर संरचना के सरलीकरण और युक्तिकरण की मांग को लेकर कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) एक जनवरी से देशव्यापी आंदोलन करेगा। कारोबारियों ने मांग की है कि भारत में तुरंत ई-कॉमर्स पॉलिसी घोषित हो वहीं दूसरी ओर ई-कॉमर्स से संबंधित उपभोक्ता संरक्षण नियमों को तुरंत लागू किया जाए। ई-कॉमर्स के लिए एक सक्षम रेगुलेटरी अथॉरिटी का तुरंत गठन हो, एफडीआई रिटेल नीति के प्रेस नोट-2 के स्थान पर एक नया प्रेस नोट जारी किया जाए। जीएसटी कर प्रणाली का सरलीकरण किया जाए तथा रिटेल ट्रेड के लिए एक नेशनल पालिसी भी तुरंत घोषित की जाए।
कैट के महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री शंकर ठक्कर ने बताया कि तीन वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार ई-कॉमर्स नीति और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स के नियम नहीं ला पाई है जबकि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां बिना रुके लगातार नीति का उल्लंघन, ठीक सरकार की नाक के नीचे कर रही है। उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारें भी इस मामले में ज्यादा बड़ी दोषी हैं, क्योंकि व्यापार राज्य का विषय है और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के हाथों जीएसटी राजस्व का भारी नुकसान होने के बाद भी राज्य सरकारें मूक दर्शक बनी हुई हैं। आज जिस गति से चीजें चल रही हैं, उससे देश के करोड़ों व्यापारियों में बहुत निराशा और हताशा है जिसके कारण देश भर के व्यापारियों का दर्द बताने के लिए कैट ने ई-कॉमर्स को सुव्यवस्थित करने और देश में जीएसटी कर संरचना के सरलीकरण और युक्तिकरण पर 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2023 तक देश भर में एक बृहद राष्ट्रीय आंदोलन छेड़ने की आज घोषणा की है ।
देश भर के व्यापारी 10 जनवरी को ई-कॉमर्स क्षमता मुक्त व्यापार दिवस के रूप में मनाएंगे और देश भर के व्यापारी संगठन इस दिन बड़े स्तर पर धरने आयोजित कर केंद्र और राज्य सरकारों से व्यापारी चार्टर को स्वीकार करने और लागू करने की मांग करेंगे। इसी श्रृंखला में देश भर के व्यापारी 20 जनवरी, 2023 को पूरे देश में 1,000 से अधिक स्थानों पर एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे। फरवरी माह में बहुत बड़े पैमाने पर देश के सभी राज्यों के व्यापारी संगठन अपने-अपने शहरों में रैलियां निकालकर राज्य के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों तथा केंद्र सरकार के मंत्रियों को ज्ञापन सौंपेंगे। मार्च माह में सभी राज्यों में राज्य स्तरीय व्यापारी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। अप्रैल, 2023 के प्रथम सप्ताह में एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापारी सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया जाएंगा।
1 जनवरी से 7 जनवरी तक, पूरे देश भर में व्यापारी संगठन राष्ट्रीय ई-मेल अभियान शुरू करेंगे जिसके अंतर्गत विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारत के ई कॉमर्स व्यापार को विषैला बनाने के कारण देश के व्यापारिक समुदाय के संकटों और कष्टों को समझने की मांग को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों तथा सभी राजनीतिक दलों को बड़ी तादाद में ई-मेल भेजी जाएंगी । कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया ने कहा कि देश में ई-कॉमर्स व्यापार है लेकिन कोई नीति या नियम नहीं है। उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत ई-कॉमर्स के नियम, दोनों के मसौदे लंबे समय से तैयार हैं, लेकिन अफसरशाही के चलते उन फाइलों कोई काम नहीं हो रहा है। कैट इस गंभीर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को विस्तृत ज्ञापन भी देगा और मिलने का समय भी मांगेगा ।
कैट के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष सचिन निवंगुने ने इस बात पर गहरा खेद व्यक्त किया कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की व्यावसायिक गतिविधियों की संदिग्ध प्रकृति के बावजूद, कई राज्य सरकारों ने विभिन्न उद्देश्यों के लिए इन कंपनियों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हुए हैं, लेकिन उनका क्या उद्देश्य है, यह अभी तक समझ में नहीं आया। उन्होंने मांग की कि ऐसी सभी राज्य सरकारों को इन कंपनियों के साथ अपने समझौते को तुरंत समाप्त कर देना चाहिए। कैट के महानगर अध्यक्ष दिलीप माहेश्वरी ने कहा कि भारत के व्यापारियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूरी उम्मीद है, जिन्होंने हमेशा छोटे व्यवसायों को बड़ा व्यापार करने की जोरदार वकालत की हैं, व्यापार करने में आसानी देने के लिए बार-बार कहा है लेकिन अभी तक उनके इस विजन पर अमल ही नहीं हुआ है।