facebookmetapixel
कमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआतसिस्टम गड़बड़ी के बाद सतर्क NPCI, 2025 में कुछ चुनिंदा थर्ड पार्टी UPI ऐप को ही मिली मंजूरी2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य पर आधारित हों बजट और नीतियां: पीएम मोदीअंबानी लाए रिलायंस का एआई घोषणा पत्र, 6 लाख कर्मचारियों की उत्पादकता में 10 गुना सुधार का लक्ष्य

व्यय का सही अनुमान चाहती है सरकार

सरकार शीतकालीन सत्र में पहला पूरक बजट पेश करेगी और उसके बाद बजट सत्र में दूसरा पूरक बजट आएगा।

Last Updated- September 17, 2023 | 10:22 PM IST
Government wants correct estimate of expenditure, new financial rules

अगले वित्त वर्ष की तैयारी अक्टूबर से शुरू होने वाली है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सरकार चाहती है कि सभी मंत्रालय मौजूदा और अगले साल का बजट तैयार करते समय यथार्थवादी बनें।

सरकार शीतकालीन सत्र में पहला पूरक बजट पेश करेगी और उसके बाद बजट सत्र में दूसरा पूरक बजट आएगा। इन दोनों में चालू वित्त वर्ष की व्यय जरूरतों को ध्यान में रखा जाएगा, वहीं मंत्रालयों को चुनी गई अगली सरकार के पूर्ण बजट आने तक अतिरिक्त मांग का मौका नहीं मिलेगा।

वक्त कम बचे रहने का जिक्र करते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अधिकारियों को अप्रत्याशित आकस्मिकताओं का ध्यान रखना चाहिए। विभिन योजनाओं की जरूरतों का अनुमान लगाना चाहिए क्योंकि बजट सत्र की अवधि के बारे में अब तक पता नहीं है और ऐसे में उनके सामने नकदी का संकट नहीं आना चाहिए।’ वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि सितंबर के पहले सप्ताह में बजट अधिसूचना आ जाएगी। बजट के पहले की बैठकें अक्टूबर से शुरू होंगी।

Also Read: धनलक्ष्मी के स्वतंत्र निदेशक का त्यागपत्र, ‘राइट इश्यू’ को लेकर मतभेद

लेखा महानियंत्रक के मुताबिक 2023-24 की पहली तिमाही में कोयला मंत्रालय का कुल व्यय बजट अनुमान का 87 प्रतिशत रहा है। रेलवे और परिवहन मंत्रालय ने वित्त वर्ष की पहली तिमाही में क्रमशः बजट का 40 प्रतिशत औऱ 39 प्रतिशत खर्च किया है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने बजट अनुमान का 1 प्रतिशत जबकि पर्यटन मंत्रालय ने इस अवधि के दौरान बजट का 4 प्रतिशत खर्च किया है।

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के अंत तक अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का 25.3 प्रतिशत यानी 4.5 लाख करोड़ रुपये इस्तेमाल किया है। केंद्र का पहली तिमाही में कुल खर्च 10.5 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 23.3 प्रतिशत रहा है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 24 प्रतिशत था।

सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल व्यय में 7.72 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते और 2.78 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में खर्च हुए हैं। कुल राजस्व खर्च में 2.43 लाख करोड़ रुपये ब्याज भुगतान पर और 87,035 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी पर खर्च हुए हैं। वित्त वर्ष 2023 में मंत्रालयों ने संशोधित अनुमान से ज्यादा खर्च कर दिया था। कानून व न्याय मंत्रालय ने संशोधित अनुमान से 168 प्रतिशत अधिक खर्च कर दिया था।

First Published - September 17, 2023 | 10:22 PM IST

संबंधित पोस्ट