वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लघु बचत योजनाओं के संग्रह का लक्ष्य हासिल करने को लेकर आश्वस्त है। यह जानकारी सरकारी सूत्रों ने दी। सरकार ने फरवरी के अंत तक लघु बचत योजनाओं से 2.77 लाख करोड़ रुपये संग्रहित कर लिया था जबकि लक्ष्य 4.37 लाख करोड़ रुपये था। सरकार वित्त वर्ष 24 के संशोधित अनुमानों का 64 प्रतिशत हासिल कर चुकी है।
वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना से फरवरी के अंत तक 90,000 करोड़ रुपये एकत्रित किया गया था जबकि बीते वर्ष की इस अवधि में 37,362 करोड़ रुपये संग्रहित किए गए थे। इस वर्ष में अभी तक महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना से 19,000 करोड़ रुपये एकत्रित किए गए हैं।
फरवरी, 2024 की शुरुआत तक मासिक बचत योजना से संग्रह बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये हो गया है। लघु बचत योजनाओं में 12 बचत योजनाएं हैं। इनमें राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, सार्वजनिक भविष्य निधि, किसान विकास पत्र आदि योजनाएं हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार उधारी पूरी होने के कारण सरकार के पास नकदी शेष बहुत अधिक नहीं है। सरकार के पास अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए मामूली नकदी शेष है। सरकार अपने राजकोषीय घाटे को बॉन्ड मार्केट, लघु बचतों आदि से प्राप्त आय के जरिये पूरा करती है। सरकार शेष नकदी से भी राशि प्राप्त करती है।
सरकार ने वित्त वर्ष 24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित किया था जबकि यह वित्त वर्ष 25 के लिए 5.1 प्रतिशत था। सूत्रों के मुताबिक सरकार का फरवरी तक वित्त वर्ष 24 का कुल सकल व्यय 80 प्रतिशत था। पूंजीगत व्यय का बजटीय आवंटन वित्त वर्ष 21 में 4.1 लाख करोड़ रुपये था।