इस साल अक्टूबर के अंत तक देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात नए शिखर पर पहुंच गया है। यह किसी भी वित्त वर्ष के सात महीनों में सर्वोच्च शिखर 19.1 अरब डॉलर हो गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24 फीसदी ज्यादा है, बीते वित्त वर्ष के अप्रैल से लेकर अक्टूबर की अवधि तक देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 15.4 अरब डॉलर था।
स्मार्टफोन पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना के जरिये निर्यात में बढ़ोतरी के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात ने फर्राटा भरा है। अक्टूबर में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 3.4 अरब डॉलर रहा, जो बीते साल अक्टूबर के मुकाबले 45 फीसदी की वृद्धि है, जब इस क्षेत्र ने 2.4 अरब डॉलर का निर्यात किया था।
इस साल अक्टूबर तक करीब 55 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात सिर्फ स्मार्टफोन निर्यात से हुआ। आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल का इसमें प्रमुख योगदान रहा। अक्टूबर, 2024 तक भारत से आईफोन के निर्यात की हिस्सेदारी कुल स्मार्टफोन निर्यात में 66 फीसदी रही और शेष हिस्सेदारी अन्य की रही।
पिछले साल अक्टूबर में इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन के बाद निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक्स छठे स्थान पर था। इस साल अक्टूबर तक इसने तीन स्थान का छलांग लगाया और तीसरे स्थान पर पहुंच गया। इलेक्ट्रॉनिक्स से ऊपर इंजीनियरिंग सामान और पेट्रोलियम उत्पाद हैं।
वाणिज्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स न केवल हर महीने बल्कि संचयी तौर पर भी 7 महीने के दौरान भारत के शीर्ष पांच निर्यातों में भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला निर्यात रहा है। यह न केवल भारत के शीर्ष पांच निर्यातों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स सामान दूसरे स्थान पर चल रहे पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात के बीच का अंतर भी कम कर रहा है। पिछले वित्त वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पेट्रोलियम निर्यात के एक तिहाई से भी कम था, जो पहले 7 माह में 47 अरब डॉलर था।