facebookmetapixel
BFSI Summit 2025: बीमा सेक्टर में दिख रहा अ​स्थिर संतुलन – अजय सेठरिलायंस और गूगल की बड़ी साझेदारी: जियो यूजर्स को 18 महीने फ्री मिलेगा एआई प्रो प्लानबीमा सुगम उद्योग को बदलने के लिए तैयार : विशेषज्ञअस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट दुनिया के लिए बना है भारत: अरुंधति भट्टाचार्यभारत की 4 कंपनियों को मिला चीन से ‘रेयर अर्थ मैग्नेट’ आयात लाइसेंस, वाहन उद्योग को मिलेगी राहतएआई से लैस उपकरण से बदला डिजिटल बैंकिंगमजबूत आईटी ढांचा सबके लिए जरूरी: अरुंधती भट्टाचार्यBFSI Summit : ‘नए दौर के जोखिमों’ से निपटने के लिए बीमा उद्योग ने ज्यादा सहयोगभारत में प्राइवेट इक्विटी बनी FDI की सबसे बड़ी ताकत, रोजगार बढ़ाने में निभा रही अहम भूमिकाबढ़ते करोड़पतियों, वित्तीयकरण से वेल्थ मैनेजमेंट में आ रही तेजी; BFSI समिट में बोले उद्योग विशेषज्ञ

खाद्य कीमतों में नरमी का दिख रहा है असर, बीते दिसंबर में खुदरा मुद्रास्फीति 5.3% रहने की संभावना: सर्वे

खाद्य कीमतें, जो CPI बास्केट का आधा हिस्सा हैं, ने पिछले कुछ महीनों में महंगाई को बढ़ाया था। इसका मुख्य कारण सब्जियों की कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी थी।

Last Updated- January 10, 2025 | 11:55 AM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pixels

भारत में खुदरा मूल्य मुद्रास्फीति (Consumer Price Inflation) दिसंबर में घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने की संभावना है। यह कमी मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में गिरावट के कारण हुई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अर्थशास्त्रियों द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, इससे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अगले महीने ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें मजबूत हुई हैं, खासकर जब आर्थिक वृद्धि धीमी हो रही है।

खाद्य कीमतें, जो देश के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) की टोकरी का लगभग आधा हिस्सा बनाती हैं, हाल के महीनों में महंगाई को ऊंचा रख रही थीं। खासतौर पर सब्जियों की कीमतों में पिछले एक साल से दो अंकों की बढ़ोतरी हो रही थी। हालांकि, एक अच्छी ग्रीष्मकालीन फसल और अनुकूल मानसून के कारण इन कीमतों में अब कमी देखी जा रही है, जिससे आने वाले महीनों में और गिरावट की उम्मीद है।

दिसंबर में CPI मुद्रास्फीति 5.3% तक गिरने का अनुमान

6-9 जनवरी के बीच 43 अर्थशास्त्रियों के सर्वे से पता चला है कि दिसंबर में वार्षिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति नवंबर के 5.48 प्रतिशत से घटकर 5.3 प्रतिशत रह सकती है। यह आंकड़ा 13 जनवरी को जारी किए जाने की संभावना है। अनुमान है कि यह 4.50 प्रतिशत से 5.60 प्रतिशत के बीच रह सकता है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य आर्थिक सलाहकार कनिका पासरीचा ने लिखा, “महंगाई में धीरे-धीरे गिरावट का कारण अक्टूबर में हुई असामयिक बारिश के चलते सब्जियों की कीमतों में देरी से सुधार और खाद्य पदार्थों जैसे खाने के तेल, अनाज की कीमतों में बढ़ोतरी है, हालांकि दिसंबर में थोड़ी राहत मिली।”

कोर मुद्रास्फीति (Core Inflation) में भी गिरावट

कोर मुद्रास्फीति दिसंबर में 3.70 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसमें खाद्य और ऊर्जा जैसी अस्थिर वस्तुओं को शामिल नहीं किया जाता और इसे घरेलू मांग का बेहतर पैमाना माना जाता है। नवंबर में यह 3.64 प्रतिशत और 3.70 प्रतिशत के बीच थी।

हालांकि महंगाई में मामूली गिरावट आई है, यह 2026 की दूसरी छमाही से पहले आरबीआई के 4% के मध्यम अवधि के लक्ष्य तक पहुंचने की संभावना नहीं है।

फरवरी में ब्याज दर कटौती की संभावना

दिसंबर में हुए एक सर्वे के मुताबिक, जिसमें संजय मल्होत्रा के आरबीआई गवर्नर बनने से पहले की राय शामिल थी, आरबीआई अपनी अगली नीति बैठक (5-7 फरवरी) में मुख्य ब्याज दर को 25 आधार अंक घटाकर 6.25% कर सकता है। यह कदम मुख्य रूप से आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए होगा, जो पहले 7-8% थी, लेकिन जुलाई-सितंबर तिमाही में घटकर 5% से थोड़ा ऊपर रह गई।

निर्मल बंग इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की उप-शोध प्रमुख और अर्थशास्त्री टेरेसा जॉन ने लिखा, “हम फरवरी में आरबीआई से ब्याज दर में कटौती की उम्मीद करते हैं, क्योंकि विकास दर केंद्रीय बैंक के 6.6% के अनुमान से कम रह सकती है।”

पिछले महीने थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति 1.89 प्रतिशत से बढ़कर 2.30 प्रतिशत होने का अनुमान है। इस प्रकार, खाद्य कीमतों में गिरावट से उपभोक्ता मुद्रास्फीति में राहत मिली है, लेकिन आर्थिक मंदी को देखते हुए आरबीआई की नीतियों पर नजर बनी रहेगी।

First Published - January 10, 2025 | 10:45 AM IST

संबंधित पोस्ट