HSBC ने आज यानी 21 जून को जून महीने का मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस को मिलाकर फ्लैश कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) डेटा रिलीज कर दिया। HSBC के इस सर्वेक्षण के अनुसार, जून में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर, दोनों में बढोतरी देखने को मिली। इसकी वजह से बिजनेस एक्टिविटी और ज्यादा मजबूत हुई। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि रोजगार सृजन की रफ्तार पिछले 18 सालों में सबसे तेज थी।
ग्लोबल बैंकर HSBC के सर्वे के अनुसार, हेडलाइन फ्लैश कंपोजिट PMI (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) डेटा जून में बढ़कर 60.9 हो गया, जो मई में 60.5 था। बता दें कि मई के डेटा को रिवाइज किया गया और आंकड़े में थोड़ी गिरावट आई।
भारत के मैन्युफैक्चकिंग और सर्विस सेक्टर के कंबाइंड आउटपुट में मासिक आधार पर (month on month) बदलाव को मापने वाला यह इंडेक्स लगातार 35वें महीने ग्रोथ दायरे में रहा। फरवरी से ही, उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोतरी सेवा प्रोवाइडर्स के मुकाबले मजबूत रही है।
HSBC की ग्लोबल इकनॉमिस्ट मैत्रेयी दास ने कहा कि ओवरआल फ्लैश PMI जून में बढ़ गया, जो मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों की बढ़ोतरी की वजह से हुआ क्योंकि इसमें मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने तेज वृद्धि दर्ज की।
उन्होंने कहा, ‘दोनों सेक्टर्स के लिए नए ऑर्डर में तेज बढ़ोतरी हुई, जिसमें मैन्युफैक्चरर्स के बीच तेजी से उछाल आया। हालांकि जून में नए निर्यात ऑर्डरों की ग्रोथ रेट थोड़ी धीमी हो गई, लेकिन यह सीरीज की शुरुआत के बाद दूसरी सबसे तेज थी। इसकी वजह से, जून में कैपासिटी प्रेशर स्पष्ट हो गए, जिससे कंपनियों ने पिछले 18 सालों में सबसे अधिक अपने स्टाफिंग लेवल को बढ़ाया।’
निर्यात के मोर्चे पर, नए निर्यात ऑर्डर जून में लगातार 22वें महीने बढ़े और मजबूत बने रहे, हालांकि पिछले महीने की रिकॉर्ड वृद्धि के बाद गति थोड़ी धीमी हो गई। मजबूत मांग ने कंपनियों को अधिक लोगों को नियुक्त करने के लिए प्रेरित किया, जिससे कुल मिलाकर रोजगार सृजन अप्रैल 2006 के बाद सबसे तेज गति से बढ़ा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार सर्विस सेक्टर के मुकाबले ज्यादा था।
सकारात्मक मांग से प्रेरित होकर, मैन्युफैक्चरर्स ने उत्पादन प्रक्रियाओं में उपयोग के लिए अतिरिक्त इनपुट खरीदे क्योंकि खरीद लेवल में वृद्धि की दर मई की तुलना में और तेज थी। इसके अलावा, खरीद की मात्रा में वृद्धि के बावजूद, सप्लायर्स मटेरियल्स को समय पर वितरित करने में सक्षम थे, जैसा कि वेंडर परफॉर्मेंस में एक और मामूली सुधार से देखा गया।
दास ने कहा, ‘इनपुट लागत मुद्रास्फीति जून में थोड़ी कम हुई, लेकिन पैनलिस्टों द्वारा श्रम और सामग्री लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए ऊंची बनी रही। आउटपुट प्राइस इँडेक्स से पता चलता है कि मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां ग्राहकों पर ज्यादा लागत डालने में सक्षम थीं। कुल मिलाकर, भविष्य के उत्पादन के बारे में आशावाद जून में कमजोर हुआ, लेकिन ऐतिहासिक औसत से ऊपर रहा।
Flash PMI हर महीने सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों द्वारा प्राप्त कुल 800 परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स सर्वेक्षण प्रतिक्रियाओं में से 75-85 प्रतिशत रिकॉर्ड करता है। जून महीने के लिए अंतिम मैन्युफैक्चरिंग PMI हेडलाइन डेटा 1 जुलाई को जारी किया जाएगा और इसके 58.5 तक बढ़ने का अनुमान है। सर्विस और ओवरआल PMI 3 जुलाई को जारी किया जाएगा।