केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने असित रंजन मिश्र से बातचीत में कहा कि ऑनलाइन गेमिंग से वस्तु एवं सेवा कर संग्रह 4 गुना बढ़ा है। उन्होंने कहा कि रत्न एवं आभूषण उद्योग की मांग, चालू खाते के घाटे में सुधार और बढ़ी तस्करी को देखते हुए सोने पर सीमा शुल्क घटाया गया है। मुख्य अंश…
वित्त मंत्री ने दर के ढांचे की अगले 6 माह में समग्र समीक्षा की बात कही है। इस कवायद के क्या परिणाम होंगे?
कई कवायदें की जाएंगी और इसका परिणाम अगले साल के बजट में होगा। हम विभिन्न सामान पर सीमा शुल्क दरों की समीक्षा करेंगे और जिस सुधार की जरूरत होगी, इस कवायद के माध्यम से किया जाएगा।
पिछले 5-6 साल सीमा शुल्क उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है। ऐसे में हम क्या आगे सुधार पर विचार कर रहे हैं?
इस अवधि के दौरान जरूरत पड़ने पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया है। चरणबद्ध विनिर्माण या किसी उद्योग को शुल्क के माध्यम से संरक्षण के लिए ऐसा हुआ। लेकिन शुल्क को सामान्यतया तार्किक स्तर पर रखा गया और मैं नहीं चाहता कि शुल्क में वृद्धि बहुत ज्यादा हो।
वित्त मंत्रालय सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कटौती का विरोध करता रहा है। अचानक इसे 15 प्रतिशत से 6 प्रतिशत क्यों कर दिया गया?
सोने पर शुल्क में बढ़ोतरी जुलाई 2020 में की गई थी। उस समय चालू खाते के घाटे की स्थिति बहुत खराब थी, क्योंकि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें बहुत बढ़ी हुई थीं। अब स्थिति अलग है। वहीं ज्यादा शुल्क होने पर विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों से सोना लाया जा रहा था। साथ ही सोने की तस्करी भी बढ़ गई थी। रत्न एवं आभूषण क्षेत्र भी सीमा शुल्क में कटौती की मांग कर रहा था।
ऑनलाइन गेमिंग से कितना वस्तु एवं सेवा कर आया है?
हर महीने हम औसतन 1,150 करोड़ रुपये कर वसूल रहे हैं। कुछ महीनों में इससे अधिक, 1,350 करोड़ रुपये तक भी पहुंचा है। संशोधनों के पहले मासिक संग्रह करीब 250 करोड़ रुपये था। इस हिसाब से ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी संग्रह करीब चार गुना बढ़ा है।