Core sector growth: देश के आठ प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स की ग्रोथ रेट जनवरी में सुस्त पड़कर 3.6 फीसदी पर आ गई। यह इसका 15 महीने का निचला स्तर है। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात और बिजली जैसे क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण वृद्धि धीमी हुई।
आठ प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स का उत्पादन दिसंबर, 2023 में 4.9 फीसदी बढ़ा था। एक साल पहले जनवरी, 2023 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार 9.7 फीसदी थी। इन आठ सेक्टर्स में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं।
समीक्षाधीन महीने में कोयला, इस्पात और बिजली के उत्पादन में वृद्धि की गति धीमी हो गई। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और सीमेंट के उत्पादन में सालाना आधार पर सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में आठ प्रमुख क्षेत्रों का योगदान 40.27 फीसदी है।
सीमेंट का उत्पादन जनवरी, 2024 में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 5.6 फीसदी बढ़ गया। कोयला उत्पादन जनवरी, 2024 में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10.2 फीसदी बढ़ गया। कच्चे तेल का उत्पादन भी जनवरी, 2024 में जनवरी, 2023 की तुलना में 0.7 फीसदी बढ़ गया। इसी तरह बिजली उत्पादन जनवरी, 2024 में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 5.2 फीसदी बढ़ गया। जनवरी, 2024 में प्राकृतिक गैस का उत्पादन जनवरी, 2023 की तुलना में 5.5 फीसदी बढ़ गया। जनवरी, 2024 में इस्पात उत्पादन जनवरी, 2023 की तुलना में 7.0 फीसदी बढ़ गया।
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हालांकि जनवरी, 2024 में उर्वरक उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 0.6 फीसदी की गिरावट आई। इसी तरह पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन में भी जनवरी, 2023 की तुलना में जनवरी, 2024 में 4.3 फीसदी की गिरावट आई।
देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बढ़कर 8.4 फीसदी रही है। मुख्य रूप से मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग, कन्ट्रक्शन सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन से GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर बढ़ी है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 4.3 फीसदी रही थी।
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जनवरी, 2024 के अंत में 11 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो संशोधित वार्षिक बजट अनुमान का 63.6 फीसदी है। लेखा महानियंत्रक (CGA) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले साल इसी अवधि में राजकोषीय घाटा केंद्रीय बजट 2022-23 के संशोधित अनुमान (RE) का 67.8 फीसदी था। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार का राजकोषीय घाटा 17.35 लाख करोड़ रुपये या GDP (सकल घरेलू उत्पाद) का 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है।
(भाषा के इनपुट के साथ)