facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

Core sector growth: बुनियादी उद्योगों की रफ्तार जनवरी में सुस्त पड़कर 3.6 फीसदी रही, छुआ 15 माह का निचला स्तर

Core sector growth: देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में आठ प्रमुख क्षेत्रों का योगदान 40.27 फीसदी है।

Last Updated- February 29, 2024 | 6:27 PM IST
बुनियादी उद्योगों की रफ्तार जनवरी में सुस्त पड़कर 3.6 फीसदी रही, छुआ 15 माह का निचला स्तर, Core sector growth: The pace of basic industries slowed down to 3.6 percent in January, touching the lowest level of 15 months

Core sector growth: देश के आठ प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स की ग्रोथ रेट जनवरी में सुस्त पड़कर 3.6 फीसदी पर आ गई। यह इसका 15 महीने का निचला स्तर है। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली। रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात और बिजली जैसे क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण वृद्धि धीमी हुई।

आठ प्रमुख इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स का उत्पादन दिसंबर, 2023 में 4.9 फीसदी बढ़ा था। एक साल पहले जनवरी, 2023 में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि की रफ्तार 9.7 फीसदी थी। इन आठ सेक्टर्स में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली शामिल हैं।

कोयला, इस्पात और बिजली के उत्पादन में वृद्धि की गति धीमी

समीक्षाधीन महीने में कोयला, इस्पात और बिजली के उत्पादन में वृद्धि की गति धीमी हो गई। हालांकि, इस दौरान कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस और सीमेंट के उत्पादन में सालाना आधार पर सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में आठ प्रमुख क्षेत्रों का योगदान 40.27 फीसदी है।

6 बुनियादी उद्योगों का उत्पादन जनवरी, 2024 में बढ़ा

सीमेंट का उत्पादन जनवरी, 2024 में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 5.6 फीसदी बढ़ गया। कोयला उत्पादन जनवरी, 2024 में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 10.2 फीसदी बढ़ गया। कच्चे तेल का उत्पादन भी जनवरी, 2024 में जनवरी, 2023 की तुलना में 0.7 फीसदी बढ़ गया। इसी तरह बिजली उत्पादन जनवरी, 2024 में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 5.2 फीसदी बढ़ गया। जनवरी, 2024 में प्राकृतिक गैस का उत्पादन जनवरी, 2023 की तुलना में 5.5 फीसदी बढ़ गया। जनवरी, 2024 में इस्पात उत्पादन जनवरी, 2023 की तुलना में 7.0 फीसदी बढ़ गया।

Also read: Fiscal deficit: जनवरी तक राजकोषीय घाटा FY24 के लक्ष्य के 63.6 फीसदी पर पहुंचा

इन दो बुनियादी उद्योगों का उत्पादन जनवरी, 2024 में घटा

हालांकि जनवरी, 2024 में उर्वरक उत्पादन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 0.6 फीसदी की गिरावट आई। इसी तरह पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन में भी जनवरी, 2023 की तुलना में जनवरी, 2024 में 4.3 फीसदी की गिरावट आई।

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.4 फीसदी रही भारत की GDP ग्रोथ

देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बढ़कर 8.4 फीसदी रही है। मुख्य रूप से मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग, कन्ट्रक्शन सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन से GDP (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर बढ़ी है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 4.3 फीसदी रही थी।

जनवरी तक राजकोषीय घाटा FY24 के लक्ष्य के 63.6 फीसदी पर पहुंचा

केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जनवरी, 2024 के अंत में 11 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो संशोधित वार्षिक बजट अनुमान का 63.6 फीसदी है। लेखा महानियंत्रक (CGA) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पिछले साल इसी अवधि में राजकोषीय घाटा केंद्रीय बजट 2022-23 के संशोधित अनुमान (RE) का 67.8 फीसदी था। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार का राजकोषीय घाटा 17.35 लाख करोड़ रुपये या GDP (सकल घरेलू उत्पाद) का 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है।

(भाषा के इनपुट के साथ)

First Published - February 29, 2024 | 6:27 PM IST

संबंधित पोस्ट