आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि फरवरी में तीन माह के उच्च स्तर 6.7 प्रतिशत (सालाना आधार) पर पहुंच गई जबकि जनवरी में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। छह क्षेत्रों में सुधार होने के कारण बुनियादी उद्योग में इजाफा हुआ।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार उत्पादन बढ़ने के कारण कच्चे तेल (7.9 प्रतिशत), रिफाइनरी उत्पादों (2.6 प्रतिशत) और बिजली क्षेत्र (6.3 प्रतिशत) की वृद्धि हुई।
हालांकि फरवरी में कोयला (11.6 प्रतिशत), प्राकृतिक गैस (11.3 प्रतिशत) और सीमेंट (10.2 प्रतिशत) में दो अंकों में वृद्धि हुई। हालांकि फरवरी की अवधि में स्टील का उत्पादन (8.4 प्रतिशत) क्रमिक रूप से गिर गया। दूसरी तरफ फरवरी में लगातार दूसरे माह उर्वरक के उत्पादन में (9.5 प्रतिशत) की गिरावट आई। बुनियादी क्षेत्र ने फरवरी 2023 में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी।
हालांकि बुनियादी उद्योग में इस वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से फरवरी की अवधि में क्रमिक वृद्धि 7.7 प्रतिशत थी जबकि यह बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 8.2 प्रतिशत थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ बुनियादी उद्योगों का भारांश 40.27 प्रतिशत है। इसलिए बुनियादी उद्योग का इस सूचकांक पर महत्त्वपूर्ण असर पड़ता है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि उर्वरक को छोड़कर इन आठ उद्योगों का अच्छा प्रदर्शन रहा है। उर्वरक में गिरावट उच्च आधार के कारण आई है। इसके अलावा कटाई के इस मौसम में उर्वरक की मांग भी कम होती है। उन्होंने बताया, ‘स्टील और सीमेंट में उच्च वृद्धि निर्माण उद्योग में वृद्धि को प्रदर्शित करती है। हालांकि वाहन उद्योग के कारण भी स्टील की मांग बढ़ी। बिजली के क्षेत्र में मांग के कारण आईआईपी की वृद्धि 4 – 5 प्रतिशत हो सकती है।’
इसी तरह के विचार केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि बुनियादी उद्योग में वृद्धि नजर आने के कारण फरवरी में आईआईपी की वृद्धि सुधरकर 5.5 प्रतिशत हो सकती है जबकि यह बीते माह 3.8 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में कोयला, स्टील और सीमेंट क्षेत्र में मजबूत वृद्धि नजर आई है।
सरकार के ज्याद पूंजीगत व्यय से बुनियादी उद्योग को जबरदस्त मदद मिली है। आने वाली तिमाहियों में निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय बढ़ने के कारण बुनियादी की वृद्धि में सुधार हो सकता है।