खपत बढऩे के कारण कैलेंडर वर्ष 2022 में भारत की आर्थिक रिकवरी मजबूत रहने की संभावना है। गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों ने हाल के 2022 के परिदृश्य पर अपने नोट में कहा है कि सालाना आधार पर भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2022 में 9.1 प्रतिशत रहेगी, जिसमें 2020 में 8 प्रतिशत का संकुचन आया था।
गोल्डमैन सैक्स में एशिया प्रशांत के मुख्य अर्थशास्त्री एंड्रयू टिल्टन ने शांतनु सेनगुप्ता और सूरज कुमार के साथ लिखी रिपोर्ट में कहा है, ‘हम उम्मीद करते हैं कि 2022 की वृद्धि में खपत का मुख्य योगदान होगा क्योंकि वायरस की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार और टीकाकरण में पर्याप्त प्रगति के कारण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खुल रही है। हम यह उम्मीद करते हैं कि सरकार का पूंजीगत व्यय जारी रहेगा और निजी कॉर्पोरेट पूंजीगत व्यय में रिकवरी और आवास में निवेश बहाल होने के शुरुआती संकेत मिल रहे हैं।’
बहरहाल खपत पर आधारित इस वृद्धि से अपनी चुनौतियां भी आएंगी। गोल्डमैन सेक्स के मुताबिक उनमें से एक प्रमुख महंगाई में वृद्धि है क्योंकि विनिर्माता इनपुट लागत में हुई बढ़ोतरी का बोझ अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खुलने के कारण मांग बढऩे के साथ ग्राहकों पर डालेंगे। परिणामस्वरूप वैश्विक शोध एवं ब्रोकरेज हाउस ने प्रमुख उपभोक्ता मूल्य पर आधारित महंगाई दर (सीपीआई) 2022 में 5.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई है, जो 2021 में 5.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।
तेल और गैर तेल आयात ज्यादा होने और तेल के दाम ज्यादा होने की वजह से विश्लेषकों को उम्मीद है कि भारत का चालू खाते का घाटा (सीएडी)) 2022 में बढ़कर 53 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.5 प्रतिशत) हो जाएगा, जो 2021 में 27 अरब डॉलर (जीडीपी का 0.9 प्रतिशत) रहने की संभावना है।
गोल्डमैन सैक्स ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक 2022 में दूसरी तिमाही में पहली बढ़ोतरी के साथ रीपो रेट में 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है। वहीं रिवर्स रीपो में 40 आधार अंक की बढ़ोतरी 2022 की पहली तिमाही तक हो सकती है।
मॉर्गन स्टैनली भी इस इलाके की वृद्धि दर ज्यादा रहने की उम्मीद जता रहा है। टीकाकरण के स्तर, कोविड से जुड़े यात्रा प्रतिबंध कम होने और मांग बढऩे के कारण उनका मानना है कि कुल मिलाकर एशिया के देशों की आर्थिक वृद्धि दर 2022 में 5.4 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि आम राय 5 प्रतिशत वृद्धि को लेकर है।
मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों ने चेतन अहया के नेतृत्व में तैयार की गई रिपोर्ट में कहा है, ‘हमारा मानना है कि उत्तर एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में विस्तार से आगे हुए वृद्धि शेष इलाकों में भी जाएगी, जिसमें भारत और आसियान प्रमुख होंगे।’
उन्होंने 2022 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दी है, जबकि आम राय 6.8 प्रतिशत वृद्धि को लेकर है।
