भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी बुधवार को भरोसा जताया कि साल 2047 तक भारत विकसित देश बन जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड की 50वीं वर्षगांठ पर BS Manthan कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘आप 2047 तक अर्थव्यवस्था को एक बड़े कैनवास में देखने के लिए बहुत अच्छी तरह से तैयार होंगे, जिसे साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार प्रयास कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि विकसित भारत के सपने को साकार करने में हर भारतीय का योगदान तय हो।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि विकसित भारत बनाने का सपना केवल पीएम मोदी का सपना नहीं है बल्कि, इस मुकाम को सभी भारतीय हासिल करना चाहते हैं। यह सभी युवाओं का सपना है। यह एक ऐसा लक्ष्य है जो अगले 25 सालों तक बेहतर अर्थव्यवस्था की उम्मीद बरकरार रखेगा।
BS Manthan कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘2047 तक विकसित भारत: रोडमैप’ विषय पर मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि भारत इस महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को किस प्रकार हासिल कर सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 24 की लगातार तीन तिमाहियों में 8 फीसदी की ग्रोथ रेट दर्ज की गई। उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था के अन्य मापदंडों (parameters) के बेहतर परिणामों से हमें यह विश्वास मिलता है कि हम अच्छी वृद्धि बनाए रखने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा, ‘भले ही हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं, लेकिन हमें अब विश्वास है कि हमें किन अन्य मापदंडों को ध्यान में रखना चाहिए। और इसलिए, पहला विषय जिस पर मैं बोलना चाहती हूं- वह है 4-Is- इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure), निवेश (Investment), इनोवेशन (Innovation), समावेशिता (Inclusiveness)। निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये चार ऐसी चीजें हैं जो भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बना देंगी।
इन चारों ‘I’ में से प्रत्योक विकसित भारत बनाने के सपने को मजबूती देंगे। वित्त मंत्री ने कहा, ‘हम बहुत खुशी से कह सकते थे कि ये 4 ‘I’ हैं जिन पर हम जोर दे रहे हैं ताकि भारत को विकसित देश बनाया जा सके। लेकिन, हमारी सरकार का रिकॉर्ड आपको बताएगा कि हम 4 ‘I’ पर भरोसा करते हैं।’
पिछली सरकार यानी UPA सरकार पर निशाना साधते हुए सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर 1.88 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था और वहीं. अंतरिम बजट 2024-25 में यह बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि 10 सालों में 433 फीसदी की बढ़ोतरी है।
उन्होंने कहा, ‘इसकी वजह से हम निजी पूंजी (private capital) जुटाने में सक्षम हैं। हम यह भी देख पा रहे हैं कि सकल स्थिर पूंजी निर्माण (gross fixed capital formation) में ठोस सुधार दिख रहा है। ऐसे में, मुझे लगता है, यह कहना संभव है कि इस ग्रोथ की रफ्तार को बनाए रखें, इसी आधार पर आगे बढ़ें। आप 2047 तक विकसित भारत से पहले अपने लक्ष्य और सपने तक अवश्य पहुंचेंगे।’
बिज़नेस स्टैंडर्ड की 50वीं सालगिरह पर वित्त मंत्री ने जमकर इस अखबार की और इसकी रिपोर्टों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, भारत को अर्थव्यवस्था के मामलों पर अच्छी और व्यापक रिपोर्टिंग की आवश्यकता है। मैं यह तब कह रही हूं, जब भारत में ऐसे कुछ समाचार पत्र हैं, जो बिज़नेस समाचार (business news) के लिए समर्पित हैं।
इसलिए अर्थव्यवस्था पर जानकारी की कोई कमी नहीं है। मैं ज्यादा से ज्यादा बिज़नेस स्टैंडर्ड जैसे विशेष समाचार पत्र की तलाश करूंगी ताकि इस क्षेत्र को लेकर ज्यादा समझ विकसित हो सके और जानकारी से भरे लेखन को अच्छी जगह मिल सके।
बता दें कि ‘बीएस मंथन’ का यह पहला संस्करण है और दो दिन का यह कार्यक्रम बिज़नेस स्टैंडर्ड के प्रकाशन के 50 साल पूरा होने का भी प्रतीक है। सम्मेलन का समापन पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के बीच दिलचस्प बातचीत के साथ होगा। दोनों अर्थशास्त्री 2047 की ओर भारत की सफल यात्रा के लिए आवश्यक केंद्र-राज्य संबंधों की रूपरेखा प्रस्तुत करने का प्रयास करेंगे।